Canada: कनाडा में 28 अप्रैल को संघीय चुनाव होना है. जिसके लिए मौजूदा सर्वेक्षणों में कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की अगुवाई वाली लिबरल पार्टी आगे चल रही है. दरअसल, 12 फरवरी को पीएम ट्रूडो के इस्तीफा देने से समीकरण बदल गए. कार्नी को लिबरल पार्टी और देश की बागडोर संभालने का मौका मिला.
बता दें कि मार्क कार्नी एक पूर्व केंद्रीय बैंकर हैं, जिनका कोई राजनीतिक अनुभव नहीं है. लेकिन ट्रंप के टैरिफ वॉर के बीच जिस तरह से उनहोंने मोर्चा संभाला है, उससे 26 अंक से पिछड़ रही लिबरल पार्टी 6 अंकों की बढ़त में आ गई है.
ट्रंप से निपटने के लिए मजबूत जनादेश का आह्नान
इसी बीच कार्नी ने मतदाताओं से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ धमकी से निपटने के लिए उन्हें एक मजबूत जनादेश देने का आह्वान किया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि कनाडा को अमेरिका पर अपनी निर्भरता कम करनी होगी और अपनी अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से सुधारना होगा.
कार्नी के नेतृत्व में बदले पार्टी के हालात
पीएम कार्नी ने कहा हमें एक ऐसी सरकार चाहिए जिसके पास एक मजबूत जनादेश हो, एक स्पष्ट जनादेश हो. हमें एक ऐसी सरकार चाहिए जिसके पास एक ऐसी योजना हो जो इस समय की जरूरतों को पूरा करे. दरअसल, साल 2025 की शुरुआत में ट्रूडो के इस्तीफे के बाद लिबरल्स का समर्थन कम हो गया और आधिकारिक विपक्षी कंजर्वेटिव 20 अंक आगे हो गए. लेकिन पीएम मार्क कार्नी के नेतृत्व में लिबरल पार्टी के हालात बदल दिए हैं.
दोबारा पीएम बन सकते है मार्क कार्नी
दरअसल, 21 अप्रैल को जारी किए गए तीन दिवसीय नैनोस पोल में लिबरल पार्टी 43.7% जन समर्थन के साथ आगे निकल गई है, जबकि कंजरवेटिव 36.3% के साथ पीछे चल रहे हैं. फिर, वामपंथी न्यू डेमोक्रेट्स, जो लिबरल पार्टी के सेंटर-लेफ्ट वोटों के लिए सीधे प्रतिस्पर्धी भी हैं, 10.7% पर पीछे हैं. ऐसे में यदि ये संख्याएं बरकरार रहती हैं, तो मार्क कार्नी प्रधानमंत्री बने रहेंगे क्योंकि लिबरल्स हाउस ऑफ कॉमन्स में 343 सीटों के बहुमत के साथ अपनी सरकार बना लेंगे.
बता दें कि कनाडा में सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को कम से कम 172 सीटें चाहिए. वहीं, मौजूदा चुनावी सर्वे में दावा किया जा रहा है कि मार्क कानी की लिबरल पार्टी 200 सीटें जीत सकती है.
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