Canada-India Relations: कनाडा की एक उच्च स्तरीय संसदीय समिति ने भारत को ‘दूसरा सबसे बड़ा विदेशी खतरा’ बताया है. वहीं, पहले नंबर पर चीन को रखा है. दरअसल, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा और खुफिया संसदीय समिति (NSICOP) ने हाल ही एक रिपोर्ट में कहा है कि भारत अब रूस को हटाकर कनाडा की लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं के लिए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा विदेशी हस्तक्षेप खतरा बनकर उभरा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने एक बयान में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर गंभीर चिंता पर जोर दिया है.
कनाडा ने भारत पर लगाया आरोप
ये रिपोर्ट उस वक्त सामने आई जब ट्रूडो के आरोपों के चलते भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. दरअसल, ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय सरकारी एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था. हालांकि, भारत ने ट्रूडो के आरोपो को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया क्योंकि ट्रूडो ने कभी भी भारत पर लगाए इन आरोपो के संबंध में कोई सबूत नहीं दिए.
भारत ने नहीं दिया कोई जवाब
कानाडा के इन आरोपों का भारतीय अधिकारियों ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है. हालांकि इससे पहले नई दिल्ली ने भी इसी तरह के दावों का खंडन किया है. वहीं, भारत ने भी कनाडाई अधिकारियों पर भारतीय मामलों में हस्तक्षेप करने व खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े लोगों समेत चरमपंथी तत्वों को शरण देने का आरोप लगाया है.
जल्द आमने-सामने होंगे दोनों देशों के नेता
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ सांसदों को विदेशी संस्थाओं या उनके प्रतिनिधियों से वित्तीय सहायता मिली हो सकती है. यह रिपोर्ट ऐसे समय में सामने आई है, जब भारत और कनाडा के प्रधानमंत्रियों के इटली में अगले सप्ताह होने वाले G7 शिखर सम्मेलन में एक दूसरे से मिलने की उम्मीद है. लेकिन, दोनों के बीच किसी भी औपचारिक द्विपक्षीय बैठक होने के दूर दूर तक कोई सेकेत नजर नहीं आ रहे है. वहीं, जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि शिखर सम्मलेन में उनके मिशन में विदेशी हस्तक्षेप और गलत सूचनाओं का मुकाबला करने समेत लोकतंत्र और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के महत्व को उजागर करना शामिल होगा.
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