India Canada Conflict Latest News: बीते दिनों कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानियों ने हमला किया था. अब हमले को लेकर टोरंटो पुलिस के एक पूर्व सार्जेंट (जासूस) ने बड़ा दावा किया है. पूर्व सार्जेंट (जासूस) डोनाल्ड बेस्ट का कहना है कि कनाडाई पुलिस को जानकारी थी कि उसका अधिकारी हिंदू मंदिर में खालिस्तानी चरमपंथियों की ओर से किए गए हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल था. जानकारी दें कि हिंसक विरोध प्रदर्शन में शामिल एक पुलिस अधिकारी का वीडिया वायरल होने के बाद उसे निलंबित कर दिया गया था. यहां ये भी बता दें कि सार्जेंट डोनाल्ड बेस्ट पेशे से एक खोजी पत्रकार भी हैं.
डोनाल्ड बेस्ट ने दावा किया कि यह सार्जेंट पहले भी अक्टूबर में खालिस्तानियों की ओर से आयोजित विरोध-प्रदर्शनों का हिस्सा बन चुका है. डोनाल्ड ने बताया कि हिंदू मंदिर में जो कुछ हुआ वो कनाडा में अपराध है, धार्मिक बैठक में बाधा डालने की इजाजत नहीं है. उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता कि पहला पत्थर किसने फेंका, किसने किसे मारा, लेकिन मैं ये अकेले जानता हूं कि कई खालिस्तानी कट्टरपंथियों ने वहां कुछ हिंदुओं पर शारीरिक हमला किया. उन्होंने बताया कि हिंदुओं के साथ मारपीट के वीडियो भी देखे हैं. इस हमले में पील पुलिस का एक अधिकारी भी दिखाई दिया. वह अक्टूबर में खालिस्तानी अलगाववादियों के विरोध प्रदर्शन के दौरान देखा गया था.
‘सीनियर अफसरों को पता था खालिस्तानी कनेक्शन‘
डोनाल्ड बेस्ट ने बताया कि कि अक्टूबर में डाउनटाउन टोरंटो में एक विरोध प्रदर्शन हुआ था. जिसमें पुलिस अधिकारी को डोनाल्ड बेस्ट ने देखा था. वह एक तख्ती और झंडा थामे हुए था और तख्ती पर लिखा था कि भारतीय वाणिज्य दूतावास को कनाडा में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुझे कोई संदेह नहीं है कि पुलिस के सीनियर अधिकारियों को यह पता नहीं होगा कि यह अधिकारी खालिस्तानी चरमपंथियों के विरोध प्रदर्शनों में भाग लेता है, इसके बाद भी उस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया.
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