दक्षिण अफ्रीका में हिंदू-फोबिक मामला, टीचर ने काटा हिंदू छात्र का कलावा, उठी कार्रवाई की मांग

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

South Africa: दक्षिण अफ्रीका से हिंदू-फोबिक केस सामने आया है. यहां एक स्‍कूल में महिला टीचर ने कथित तौर पर एक हिदू छात्र की कलाई से धार्मिक धागा यानी कलावा काट दिया. टीचर की इस हरकत के बाद हिंदू समुदाय में आक्रोश और नाराजगी फैल गई है. हिंदु समुदाय के सदस्‍यों ने इसे असंवेदनशील और गैर-जिम्‍मेदराना हरकत बताते हुए इसकी कड़ी निंदा की. साथ ही टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

अफ्रीकी हिंदू महासभा ने की कार्रवाई की मांग

यह घटना पिछले हफ्ते दक्षिण अफ्रीका के क्वाज़ुलु-नटाल प्रांत के ड्रेकेन्सबर्ग सेकेंडरी स्कूल में हुई थी. इस मामले को लेकर दक्षिण अफ्रीकी हिंदू महासभा (SAHMS) ने शिक्षा अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है. संगठन ने एक प्रेस बयान में कहा कि एसएएचएमएस एक शिक्षक द्वारा हिंदू छात्र का कलावा काटने की असंवेदनशील और गैर-जिम्मेदाराना कार्रवाई की कड़ी निंदा करता है. संगठन ने कहा कि वह स्कूल में धार्मिक असहिष्णुता की कथित घटना की जांच कर रहा है, लेकिन जांच में समस्‍या आ रही है,  क्योंकि पीड़ित आगे भी उत्पीड़न के डर से सामने नहीं आ रहा है.

शिक्षक ने किया दावा

संविधान में धार्मिक अधिकारों और स्वतंत्रता के दक्षिण अफ्रीका चार्टर में धर्म समेत विभिन्न आधारों पर भेदभाव पर रोक लगता है. सरकार ने भेदभावपूर्ण प्रथाओं से संबंधित किसी भी शिकायत पर एक्‍शन लेने के लिए वैधानिक मानवाधिकार आयोग की स्थापना की है. इस बीच शिक्षक ने दावा किया था कि स्कूल सांस्कृतिक या धार्मिक प्रतीकों को पहनने की परमिशन नहीं देता है.

कोर्ट पहले सुना चुका हैं हिंदू के पक्ष में फैसला

एसएएचएसएम के अध्यक्ष अश्विन त्रिकमजी ने एक पुराने केस को याद किया, जब साउथ अफ्रीका के सर्वोच्‍च न्‍यायालय ने एक हिंदू छात्रा के पक्ष में फैसला सुनाया था. उस मामले में स्कूल ने स्‍टूडेंट को नोज रिंग पहनने से रोक दिया था. कोर्ट ने कहा था कि किसी को भी उसकी सांस्कृतिक या धार्मिक प्रथाओं का पालन करने से रोका नहीं जा सकता. जानकारी के अनुसार, इस घटना से क्षेत्र में धार्मिक संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है.

उपराष्ट्रपति ने की थी हिंदुओं की प्रशंसा

इस बीच आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही दक्षिण अफ्रीका के उपराष्ट्रपति पॉल माशातिले ने बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण (BAPS) संस्था के बहु-सांस्कृतिक केंद्र और मंदिर के प्रथम चरण का उद्घाटन किया था. इस दौरान उपराष्‍ट्रपति ने कहा था कि बीएपीएस के सिद्धांत दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय लोकाचार उबुंटू से मिलते-जुलते हैं.

माशातिले ने स्थानीय हिंदू समुदाय की प्रशंसा करते हुए कहा था कि हिंदू समुदाय की सांस्कृतिक विरासत एवं मूल्य समृद्ध हैं. हिंदुओं ने हमारे विविधतापूर्ण समाज के सामाजिक ताने-बाने को आकार देने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है. कहा था कि हमें राष्ट्र निर्माण में हिंदू समुदाय की भूमिका पर विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें :- Illegal Immigrant: ट्रंप का भारत के खिलाफ बड़ा एक्शन, C-17 सैन्य विमान से भेजें जा रहे अमेरिका में रह रहे इंडियंस

 

 

Latest News

पांच साल बाद इस दिन होगी PM मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात, ग्लोबल राजनीति पर होगा असर

PM Modi and Trump Meet: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिकी दौरे की तारीख तय हो गई है. पीएम मोदी...

More Articles Like This