International News: चीन और ताइवान के बीच संघर्ष देखने को मिलता रहता है. बीते दिनों चीनी युद्धपोतों और लड़ाकू विमानों ने ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया. इस दौरान ताइवानी सैनिक भी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार दिखें. चीन के इस घेराव से पूरी दुनिया में हलचल मच गई. माना जा रहा था कि दोनों देशों में कभी भी जंग शुरू हो सकता है. हालांकि, इन अटकलों पर फिलहाल विराम लग गया है. क्योंकि, ताइवानी राष्ट्रपति चीन के साथ काम करने के लिए तैयार हैं.
चीन के साथ काम करना चाहता है ताइवान
दरअसल, चीन की ओर से ताइवान को युद्ध अभ्यास के दौरान चारों तरफ से घेर लिया गया. इस बारे में चीन ने कहा कि यह द्वीप पर कब्ज़ा करने की उसकी क्षमता का परीक्षण था. वहीं, ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते (Lai Ching-te) चीनी सैन्य अभ्यास के बावजूद बीजिंग के साथ काम करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ताइवान और चीन ‘क्षेत्रीय स्थिरता की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संयुक्त रूप से निभाएं.
एएफपी के मुताबिक ताइवान के नए राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मैं चीन के साथ आदान-प्रदान और सहयोग के माध्यम से आपसी समझ और सामंजस्य को बढ़ाने, शांति और साझा समृद्धि की स्थिति की ओर बढ़ने की भी आशा करता हूं.
ताइवान से चिढ़ा चीन
हालांकि, चीन लाई चिंग-ते के हाल ही में दिए एक भाषण से चिढ़ा हुआ है. चिंग ते ने ताइवान पर चीन की संप्रभुता के दावों को खारिज कर दिया था. इसके बाद ही बीजिंग ने ताइवान के चारों तरफ सैन्य अभ्यास शुरू किया. बताते चलें कि 2016 में पूर्व राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के पदभार ग्रहण करने के बाद चीन और ताइवान के बीच संचार टूट गया था. तब उन्होंने ताइवान की संप्रभुता की रक्षा करने का वचन दिया था.