Muharram 2024: इस्लाम के चार पवित्र महीनों में से एक मोहर्रम का पर्व आज दुनियाभर में मनाया जा रहा है. इस दिन शिया समुदाय के लोग अपना खून बहाकर और छाती पीटकर मुहर्रम पैगंबर मुहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की मृत्यु का मातम मनाते हैं. वहीं, सुन्नी ताजिया पुर्सी करते हैं, लेकिन इस बार तालिबान ने शरिया कानून के तहत अफगानिस्तान में एक कड़ा कानून बनाया है, जिसके अनुसार मोहर्रम पर खून बहाना और छाती पीटना बैन है. जो भी इस कानून को तोड़ता है उसे कड़ी सजा भुगतने की चेतावनी दी गई है.
मोहर्रम को लेकर अफगानिस्तान का फरमान
- अफगानिस्तान के नए नियम के मुताबिक, मोहर्रम के समारोह केवल मस्जिदों या सरकारी अधिकारियों और शिया विद्वानों की तरफ से बताए गए स्थानों पर ही आयोजित किए जाएंगे.
- शिया आबादी वाले क्षेत्रों में शोक समारोह केवल शिया मस्जिदों में ही आयोजित किए जाने चाहिए. झंडा फहराने का कार्यक्रम केवल विशेष परिस्थितियों में ही किया जाएगा.
- शोक मनाने वालों को समूह में नहीं आने के लिए कहा गया है. शोक मनाने वालों को प्रवेश करने के बाद मस्जिदों का दरवाजा बंद कर देना चाहिए. बंद दरवाजे के पीछे ही शोक समारोह मनाए जाएंगे.
- शोक समारोह के दौरान विलाप पाठ और अन्य ऑडियो नहीं बजना चाहिए. झंडे केवल मस्जिदों के पास ही लगाए जाने चाहिए.
- झंडों और पोस्ट पर किसी भी तरह के राजनीतिक नारे, अनुचित फोटो या दूसरे देशों की शर्तों को लिखना पूरी तरह से मना है.
- जिस जगह पर झंडे वितरित होंगे वह पहले से स्थान तय होना चाहिए. इन समारोहों में सुन्नी मुसलमानों को नहीं बुलाया जाना चाहिए. समारोह में छाती पीटना मना है.
- जानकारी के मुताबिक, अफगानिस्तान में इस नए नियम को बनाने से पहले बैठक की गई थी. इसके अलावा सहमति पत्र पर शिया धर्म गुरुओं के हस्ताक्षर भी लिए गए. तालिबान की ओर से ये चेतावनी भी आई है कि अगर कोई व्यक्ति इस कानून को लेकर मजाक करता है, उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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