पाकिस्तान में वैक्सीन की कमी ले रही बच्चों की जान, इस खतरनाक बीमारी से लोग परेशान

Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Abhinav Tripathi
Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Diphtheria Vaccine: पाकिस्तान के कराची से एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है. यहां पर 100 से अधिक बच्चों की मौत डिप्थीरिया से हुई है. इस पीछे की मुख्य वजह डिप्थीरिया एंटी-टॉक्सिन (DAT) की कमी है. जानकारों का कहना है कि डिप्थीरिया एक गंभीर और संक्रामक बीमारी है, जिसको केवल वैक्सीनेशन की मदद से ही रोका जा सकता है. इस समय पाकिस्तान के कराची और सिंध के अन्य हिस्सों में इस बीमारी का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यहां पर इस बीमारी के खिलाफ जरूरी एंटीटॉक्सिन दवाओं की कमी ने इस स्थिति को और अधिक खतरनाक बना दिया है.

इस समय पिछले साल पाकिस्तान के सिंध में इस संक्रामक रोग के 140 से अधिक मामले दर्ज किए गए थे. जिनमें से 52 बच्चों की जान नहीं बच सकी. वहीं, इस साल डिप्थीरिया से 100 से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है. वहां के जानकारों का कहना है कि पूरे सिंध में एंटीटॉक्सिन दवा मौजूद नहीं है. एक पाकिस्तानी बच्चे के इलाज में और इस वैक्सीन को देने में 0.25 मिलियन पाकिस्तानी रुपये यानी करीब ₹1.2 लाख का खर्च आता है.

जानिए क्या है डिप्थीरिया?

आपको बता दें कि डिप्थीरिया एक प्रकार का संक्रामक रोग है और यह गले और सांस लेने वाले रास्तें को प्रभावित करता है. डब्ल्यूएचओ के अनुसार इसके लक्षणों में गले में खराश, बुखार, गर्दन की ग्रंथियों में सूजन और कमजोरी शामिल हैं. बताया जाता है कि अगर इसका समय पर इलाज नहीं कराया गया तो लगभग 30 फीसदी मामलों में घातक हो सकता है. इस संक्रमण से छोटे बच्चों को काफी नुकसान पहुंचता है और परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

वैक्सीनेशन ही उपाय

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि डिप्थीरिया को वैक्सीन के जरिए रोका जा सकता है. हालांकि इसके लिए समय पर बूस्टर डोज की आवश्यकता होती है. मोहम्मद आरिफ खान जो खैबर पख्तूनख्वा के निदेशक है उन्होंने कहा कि डिप्थीरिया के प्रकोप को रोकने का एकमात्र तरीका समय पर टीकाकरण है. हालांकि, पाकिस्तान में वैक्सीनेशन कवरेज का स्तर कम है और COVID-19 महामारी ने इस स्थिति को और बदतर बना दिया है. इसे नियमित वैक्सीनेशन सर्विस में बाधा आई है.

जानिए इस संक्रमण को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट

विश्व स्वास्थ्य संगठन की मानें तो साल 2023 में पूरी दुनिया में केवल 84 फीसदी बच्चों को डिप्थीरिया युक्त टीके की अनुशंसित तीन खुराक मिली हैं. रिपोर्ट्स बताती है कि करीब 16 फीसदी संक्रमित बच्चे ऐसे हैं जिनको या तो वैक्सीन नहीं मिली है या फिर खुराक अधूरी है. यह कवरेज विभिन्न देशों और क्षेत्रों में व्यापक रूप से अलग है. कोविड महामारी के टीकाकरण सेवाओं ने इस वैक्सीनेशन प्रक्रिया को प्रभावित किया है. जिस कारण डिप्थीरिया जैसी बीमारियों के प्रसार का खतरा बढ़ गया है.

Latest News

14 October 2024 Ka Panchang: सोमवार का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

14 October 2024 Ka Panchang: हिंदू धर्म में किसी भी कार्य को करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त देखा...

More Articles Like This