Taiwan: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. एक बार फिर चीन अपनी दादागिरी दिखाते हुए ताइवान के बेहद नजदीक और बिना किसी जानकारी या वॉरनिंग के लाइव फायर मिलिट्री ट्रेनिंग शुरू कर दी. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बुधवार सुबह 9 बजे से पहले उसने ताइवान स्ट्रेट में 32 चीनी सैन्य विमानों की गतिविधि दर्ज की. इनमें से 22 विमान ताइवान के उत्तर और दक्षिण-पश्चिमी हिस्सों में पेट्रोलिंग कर रहे थे और चीनी युद्धपोतों के साथ मिलकर ‘संयुक्त युद्ध तत्परता गश्त’ कर रहे थे.
ताइवान सरकार ने जताई आपत्ति
चीन ने ताइवान के काऊशुंग और पिंगतुंग के नजदीक 40 समुद्री मील की दूरी पर यह अभ्यास शुरू किया, जिसकी कोई पूर्व जानकारी नहीं दी गई थी. इसे अंतरराष्ट्रीय नियमों का सीधा उल्लंघन करार देते हुए ताइवान सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है. रक्षा मंत्रालय ने कहा कि चीन की इस आक्रामक कार्रवाई से क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता को गंभीर खतरा पैदा हो गया है. चीन ने रेडियो प्रसारण के जरिए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग रास्तो में अपने युद्धाभ्यास की ऐलान की, जिससे हवाई और समुद्री परिवहन को गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है.
ताइवान ने लगाया आरोप
यह घटना तब हुई जब ताइवान के तट रक्षक बलों ने उस टोगो-फ्लैग वाले जहाज को रोका, जिस पर चीन के 8 लोग सवार थे. ताइवान ने आरोप लगाया है कि इस जहाज ने जानबूझकर समुद्र के नीचे बिछी टेलीकॉम केबल को नुकसान पहुंचाया. इस घटना के बाद चीन ने ताइवान पर राजनीतिक उद्देश्यों के तहत मामले को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप लगाया.
इंटरनेट ठप करना चाहता है चीन
हाल के सालों में ताइवान के चारों ओर समुद्र के नीचे मौजूद कई टेलीकॉम केबल संदिग्ध तौर पर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिससे आशंका जताई जा रही है कि चीन इस तरह की ‘ग्रे जोन ऑपरेशन’ रणनीति अपना सकता है. ताइवान को डर है कि बीजिंग भविष्य में इंटरनेट और संचार बाधित कर, द्वीप पर आर्थिक और सैन्य दबाव बढ़ाने की कोशिश कर सकता है.
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