China Ambassador India: भारत में इन दिनों आम चुनाव चल रहा है. लोकसभा चुनाव के बीच में चीन ने भारत को लेकर बड़ा कदम उठाया है. बता दें चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वरिष्ठ राजनयिक जू फेइहोंग को भारत में अपना नया राजदूत नियुक्त किया है.
दरअसल, चीन और भारत के संबंध गलवान घाटी में हुई लड़ाई के बाद से ही ठंडे पड़ चुके हैं. दोनों देशों में बॉर्डर से जुड़े मामले अब भी पूरी तरह नहीं सुलझे हैं. आए दिन सीमा पर तनाव की स्थिति देखने को मिलती है. भारत और चीन दोनों देशों के बीच रिश्तों में खटास देखी जा रही है. इन सब के बीच लगभग 18 महीनों की देरी के बाद चीन ने भारत में अपना राजदूत नियुक्त कर दिया है.
चीनी विदेश मंत्रालय ने की पुष्टि
बता दें कि चीन द्वारा राजदूत की नियुक्ति दोनों देशों की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध की वजह से रिश्तों में आई खटास और 18 महीने की असमान्य देरी से की गई है. हालांकि, चीन की तरफ से जू फेइहोंग को भारत में चीन का राजदूत नियुक्त करने की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. लेकिन चीनी विदेश मंत्रालय ने समाचार एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ को पुष्टि की है कि अफगानिस्तान और रोमानिया में चीन के राजदूत रहे फेइहोंग अब भारत में देश के नए राजदूत होंगे.
सन वेइदोंग का स्थान लेंगे जू फेइहोंग
ज्ञात हो कि टीओआई ने सबसे पहले 29 जनवरी को जानकारी दी थी कि जू फेइहोंग भारत में चीन के नए राजदूत होंगे. माना जा रहा है कि जल्द ही 60 वर्षीय जू फेइहोंग अपनी नई जिम्मेदारी संभालने भारत की राजधानी दिल्ली जाएंगे. बताते चलें कि चीन के नए राजदूत जू फेइहोंग पूर्व चीनी राजनयिक सन वेइदोंग का स्थान लेंगे. सन वेइदोंग अक्टूबर 2022 में अपना कार्यकाल पूरा किए थे. जिसके बाद से यह पद खाली है. सन वेइदोंग वर्तमान में चीन की दक्षिण एशिया नीति की देखरेख करने वाले उप-विदेश मंत्री हैं.
जानिए दोनों देश के रिश्ते
चीन की सेना के मुताबिक दोनों पक्ष चार बिंदुओं गलवान घाटी, पेंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग और जियानान दबान (गोगरा) इलाके से सैनिकों को पीछे हटाने पर सहमत हो चुके हैं. भारत, चीन की जनवादी मुक्ति सेना पर देपसांग और डेमचोक इलाके से पीछे हटने का दबाव बना रहा है. भारत का कहना है कि सीमा पर असमान्य स्थिति के रहते चीन के साथ रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते हैं.
पैंगोंग त्सो (झील) क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद 5 मई, 2020 को पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पैदा होने के बाद से भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों में रुकावट आ गई है. गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों पक्षों ने अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की वार्ता की है.