China: चीन लगातार अपने आसपास के इलाकों पर अपना दबदबा बनाने की कोशिशों में जुटा रहता है. वो ताइवान को भी बार बार धमकी देता रहता है कि उसे हासिल करने के लिए जरूरत पड़ी तो वो अपने बल का भी इस्तेमाल कर सकता है. ऐसे में ही अब उसकी नजर अंटार्कटिका पर बनी हुई है.
स्टेशन के ऑब्जरवेशन से कई जानकारियां
दरअसल, हाल ही में चीन ने अंटार्कटिका पर अपना पहला वायुमंडलीय निगरानी स्टेशन स्थापित किया है. इस बर्फीले और संसाधन-संपन्न दक्षिणी महाद्वीप में इस अनुसंधान स्टेशन का निर्माण कर चीन वहां अपनी मौजूदगी को मजबूत कर रहा है. कहा जा रहा है कि इस नए स्टेशन के ऑब्जरवेशन से कई जानकारियां मिलेंगी, जिससे पर्यावरण पर मानवीय गतिविधियों के प्रभाव के अध्ययन में भी मदद मिलेगी.
मिलेगी वायुमंडल संरचना संबंधित जानकारी
चीन मौसम विज्ञान प्रशासन (सीएमए) के मुताबिक, पूर्वी अंटार्कटिका के ‘लार्समैन हिल्स’ में स्थित झोंगशान नेशनल ऐटमॉसफेरिक बैकग्राउंउ एडमिनिसट्रेश (सीएमए) में 30 नवंबर से कामकाज भी शुरू हो गया है. सीएमए द्वारा प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि यह स्टेशन अंटार्कटिका के वायुमंडलीय घटकों में सांद्रता परिवर्तनों के बारे में निरंतर और लॉन्ग टर्म ऑपरेशन ओवरव्यू करेगा.
निगरानी स्टेशनों का परीक्षण कर रहा चीन
इतना ही नहीं, यह क्षेत्र में वायुमंडलीय संरचना से संबंधित विशेषताओं की औसत स्थिति के विश्वसनीय आंकड़े और जानकरी भी प्रदान करेगा. साथ ही निगरानी डेटा ‘जलवायु परिवर्तन के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया का अध्ययन भी करेगा. बता दें कि यह स्टेशन चीन का नौवां वायुमंडलीय निगरानी स्टेशन है, हालांकि विदेश में इसका पहला स्टेशन है. इसके अलावा, वर्तमान में चीन 10 नए वायुमंडलीय निगरानी स्टेशनों का परीक्षण कर रहा है.
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