ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के ‘मेगा-डैम’ पर भारत की नजर, केंद्र सरकार ने राज्यसभा में दी जानकारी

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China Brahmaputra Dam: चीन ने हाल ही में तिब्बत में भारत की सीमा के निकट ब्रह्मपुत्र नदी पर एक विशाल बांध बनाने का ऐलान किया है, जो भारत के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में भारत सरकार ने कहा है कि वह ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन की मेगा बांध की योजना समेत अन्य डेवलपमेंट्स पर नजर रख रही है.  दरअसल, भारतीय संसद में चल रहे बजट सत्र के दौरान गुरूवार के केंद्रिय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक सवाल के जवाब में ये जानकारी दी. बता दें कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बांध बनाने से ब्रह्मपुत्र नदी के पानी को लेकर भारत में चिंता पैदा कर दी है.

चीन के परियोजनाओं की सावधानीपूर्वक कर रहे निगरानी

केंद्रीय मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में कहा कि “सरकार ब्रह्मपुत्र नदी से संबंधित सभी डेवलपमेंट्स की सावधानीपूर्वक निगरानी कर रही है, जिसमें चीन की जलविद्युत परियोजनाएं विकसित करने की योजना भी शामिल है. उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्र के हितों की रक्षा के सरकार आवश्यक उपाय कर रही है. कीर्ति वर्धन ने बताया कि सीमा पार नदियों से संबंधित मुद्दों पर चीन के साथ 2006 में स्थापित संस्थागत विशेषज्ञ-स्तरीय तंत्र और राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा की जाती है.

ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियों पर अध्ययन 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत ने सरकार ने अपनी चिंताओं को लगातार चीनी अधिकारियों के सामने जाहिर किया है. इसके साथ ही भारत ने चीन से इस बात को भी सुनिश्चित करने को कहा है कि नदी के ऊपरी इलाकों में किसी भी गतिविधि से निचले भाग के हितों को नुकसान न पहुंचे. ब्रह्मपुत्र नदी बेसिन में जलविद्युत परियोजनाओं के पारिस्थितिक और सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को कम करने के लिए रणनीति तैयार करने के लिए पूर्वोत्तर भारत में ब्रह्मपुत्र की प्रमुख सहायक नदियों पर अध्ययन किया गया है.

60,000 मेगावाट का मेगा डैम बनाएंगा चीन

आपको बता दें कि चीन द्वारा तिब्बत के स्वायत्त क्षेत्र के मेडोग काउंटी में यारलुंग त्सांगपो (ब्रह्मपुत्र) नदी के ऊपरी भाग में 60,000 मेगावाट का मेगा डैम बनाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बनाए जा रहे इस बांध का नाम ‘यारलुंग जांगबो’ होगा. वहीं, इस बांध को बनाने में करीब 137 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत लगने संभावना है.

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