China:चीन की सरकार में भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस की नीति के तहत अपने एक और शीर्ष अधिकारी को मौत की सजा दे दी है. चीनी सरकार ने मंगलवार को उत्तरी इनर मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र के पूर्व अधिकारी ली जियानपिंग को फांसी दे दी. बताया जा रहा है कि ली जियानपिंग को देश के अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचार मामले में दोषी ठहराया गया था, जो करीब 42 करोड़ अमेरिकी डॉलर से अधिक है.
चीन के सबसे बड़े घोटाले में पाए गए थे दोषी
बता दें कि ली जियानपिंग चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की कार्यसमिति के सदस्य थे. उन्हें सितंबर 2022 में ही मौत की सजा दी जाने वाली थी, लेकिन उन्होंने इस सजा के खिलाफ अपील की थी, जिसके बाद चीन की सुप्रीम कोर्ट ने सजा को बरकरार रखा, और अब ली को फांसी की सजा दी गई.
इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला
चीनी मीडिया के मुताबिक, ली जियानपिंग को कोर्ट द्वारा 42 करोड़ डॉलर की अवैध कमाई का दोषी पाया गया था, जो चीन के इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है. दरअसल साल 2012 में चीन की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भ्रष्टाचार के खिलाफ रुख सख्त रहा है. उनके कार्यकाल के दौरान अब तक दो पूर्व रक्षा मंत्रियों और दर्जनों सैन्य अधिकारियों समेत दस लाख से अधिक पार्टी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में सख्त कार्रवाई की जा चुकी है.
शी के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने खींचा वैश्विक ध्यान
वहीं, इस साल जनवरी के महीने में केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग (सीसीडीआई) के पूर्ण सत्र में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने भाषण में पार्टी कार्यकर्ताओं से भ्रष्टाचार का डटकर सामना करने का आह्वान किया था. वहीं, सेना में शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ने वैश्विक ध्यान खींचा है, जिसके बारे में उनके आलोचकों का मानना है कि इसने उन्हें सत्ता पर अपनी पकड़ मजबूत करने में सक्षम बनाया है.
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