China Gave Shock to Pakistan: इन दिनों पाकिस्तान आर्थिक संकट से जुझ रहा है, जिसके वजह से वहां विद्रोह भी जारी है. पाक के हालातों को देखकर अब उसके मित्र देश भी अपना मुहं मोड़ रहे है. दरअसल, पाकिस्तान को झटका देते हुए उसके मित्र देश चीन और सऊदी अरब ने ने पाकिस्तान में निवेश करने पीछे हटने का निर्णय लिया है. साथ ही सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और चीन ने पाकिस्तान को देने वाले फंड पर भी रोक लगा दी है.
बता दें कि पिछले साल ही चीन ने पाकिस्तान में 1.42 लाख करोड़ के अतिरिक्त निवेश की बात कही थी, लेकिन अब वो अपने बात से पीछे हट रहा है. चीन के इस फैसले की वजह पाकिस्तान में सुरक्षा की कमी को बताया जा रहा है.
पाकिस्तान और सऊदी के रिश्ते हो रहे खराब
पाकिस्तान में चीन और सऊदी ने 1.82 लाख करोड़ का निवेश रोक दिया है, जिसके वजह से पाकिस्तान और सऊदी अरब के रिश्ते खराब हो रहे हैं. दरअसल जब शहबाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने सबसे पहले सऊदी अरब की यात्रा की थी. इस दौरान सऊदी ने 2 लाख करोड़ रुपये के निवेश का वादा किया था, लेकिन बाद में यह घटकर 40 हजार करोड़ रुपये पर आ गया और अब वो भी रोक दिया गया है.
क्यों रोका जा रहा निवेश?
माना जा रहा है कि चीन इस वक्त पाकिस्तान से नाराज है. क्योंकि उसने निवेश को लेकर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और वित्त मंत्री औरंगजेब को तवज्जो नहीं दी. हालांकि इस इसका मुख्य कारण पाकिस्तान और अमेरिका के बीच बढ़ती हुई नजदीकिया मानी जा रही है.
यूएई ने भी पीछे खींचे हाथ
चीन और सऊदी अरब के अलावा अब यूएई ने भी पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, यूएई ने पहले पाकिस्तान में 83 हजार करोड़ के निवेश की घोषणा की थी, लेकिन अब वो इस निवेश को आगे नहीं बढ़ा सकता है. पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात तो ये है कि सऊदी अरब पाकिस्तान में निवेश को रोककर भारत में इन्वेस्ट करना चाहता है.