China: चीन लगातार अपनी नौसेना की ताकतों को बढ़ाने में लगा हुआ है. ऐसे में वो पनडुब्बी, युद्धक जहाज की संख्या लगातार बढ़ा रहा है. एक अनुमान के मुताबिक चीन लगभग हर महीने एक नौसैनिक जहाज का निर्माण कर रहा है. गौर करने वाली बात तो ये है कि चीन अपने साथ्स साथ पाकिस्तान की नौसेना को भी मजबूत कर रहा है. चीन की ओर से पाकिस्तानी नौसेना को युद्धक जहाज और पनडुब्बियां दिया जा रहा है.
ऐसे में ही चीन का तीसरा विमानवाहक पोत फुजियान समुद्र की ओर रवाना किया गया है. बता दें कि चीन ने हाल ही में अपने सबसे उन्नत और तीसरे विमानवाहक पोत फुजियान का समुद्री परीक्षण किया है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एयर क्राफ्ट है, जो 11 सक्रिय क्राफ्ट से मिलकर बना है. वहीं, पहले नंबर पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का एयरक्राफ्ट है.
China: ड्रैगन की बढ़ी ताकत
फुजियान के चीनी सेना में शामिल होने के बाद से ड्रैगन की ताकत और भी बढ़ गई है. दरअसल, चीन ने 17 जून 2022 में ही फुजियान विमानवाहक पोत को लॉन्च किया था. फिलहाल फुजियान पोत अपने मूरिंग परीक्षण के साथ ही अन्य तकनीकी परीक्षण भी सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है.
China navy: कई देशों से चल रहा चीन का विवाद
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन साल 2035 तक दक्षिण चीन सागर में 5-6 विमानवाहक पोतों की तैनाती का लक्ष्य लेकर चल रहा है. दरअसल, दक्षिण चीन सागर में चीन का कई देशों के साथ विवाद चल रहा है. चीन, दक्षिण चीन सागर के अधिकांश भागों पर अपना दावा करता है, जिससे चीन का फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान के साथ सीमा विवाद चल रहा है.
China navy: फ्लैट टॉप फ्लाइट डैक की सुविधा
बता दें कि फुजियान एक इलेक्ट्रोमैग्नेटिक एयरक्राफ्ट लॉन्च सिस्टम है, जिसे चीन में ही विकसित किया गया है. यह अमेरिका के आधुनिक विमानवाहक पोत यूएसएस गेराल्ड आर.फोर्ड जैसा ही है. फुजियान का वजन करीब 80 हजार टन है, जो कि बाकी दो पोतों से 20 हजार टन अधिक है. वहीं, चीन के पहले दो विमानवाहक पोत लियोनिंग और शानडोंग हैं, यह स्की जंप टेक-ऑफ रैंप से लैस हैं, लेकिन फुजियान में फ्लैट टॉप फ्लाइट डैक की भी सुविधा है. साथ ही चीन अपने विमानवाहक पोतों पर जे-15 फाइटर जेट की तैनाती करता है.
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