दुनिया की सुपर पावर बनने में जुटा चीन, ड्रैगन का नया लाइट टैंक बदल देगा युद्ध की तस्वीर, भारत भी नहीं पीछे

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China New Light Tank: चीन लगातार दुनिया की सुपर पावर बनने की कोशिश कर रहा है. इसी के तहत चीन ने एक लाइट टैंक बनाया है, जो आधुनिक युद्ध की तस्वीर को बदलने की क्षमता रखता है. बता दें कि इस टैंक में अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है. चीन (China) के इस एडवांस वाहन का वजन करीब 40 टन से भी कम है.

बताया जा रहा है इसके कैप्सूल में दो व्यक्तियों का चालक दल सवार हो सकता है. इसके अलावा, इसमें 105 mm की गन और ऑटोमैटिक लोडिंग तंत्र के साथ ही खुफिया निगरानी क्षमता और हाईब्रिड ड्राइव भी मौजूद है. इतना ही नहीं चीन के इस टैंक में मॉड्यूलर कवच, AESA रडार और एक्टिव प्रोटेक्शन सिस्टम के साथ ही ड्रोन के खतरे से निपटने के लिए एक ड्रोन जैमर और इसके टॉप पर रिमोट कंट्रोल वेपन स्टेशन (RCWS) को भी स्थापित किया गया है.

भारत पर पड़ेगा असर

चीन के इस नए हथियार का भारत के टैंक कार्यक्रम पर काफी असर पड़ेगा, जिसमें एक प्रोजेक्ट जोरावर भी शामिल है. बता दें कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत भारत ने 25 टन वजन का हल्का टैंक बनाने का लक्ष्य रखा है. दरअसल, चीन का यह टैंक कवच वाले वाहनों के डिजाइन की तकनीकी के क्षेत्र में बीजिंग की महत्वपूर्ण छलांग का प्रतिनिधित्व करता है. यह चीन को उसके प्रतिद्वंद्वियों से आगे खड़ा करता है.

China: बहुमुखी क्षमता

इस टैंक का मानवरहित टॉप और स्वचालित लोडिंग तंत्र क्रू छोटा करने के साथ ही इसकी सुरक्षित रहने की क्षमता को भी बढ़ाता है. चीनी टैंक में हाइड्रोन्यूमेटिक सस्पेंशन सिस्‍टम का भी उपयोग किया गया है, जिससे इसे चलाना तो आसान होता ही है, इसके साथ ही विभिन्न भू-भाग वाले क्षेत्रों में इसकी संचालन क्षमता भी बढ़ जाती है. जिससे टैंक को विभिन्न लड़ाकू परिस्थितियों में काम करने की बहुमुखी क्षमता हासिल होती है.

भारत की क्या है तैयारी?

इस उन्नत टैंक के बड़ी क्षमता में उत्पादन वाला चीन का प्‍लान इलाके में रणनीतिक संतुलन को बिगाड़ सकती है. ऐसे में चीन के इस कदम से भारत को एक बार फिर से अपने टैंकों की क्षमता का पुनर्मूल्यांकन करना होगा, जिसकी एक बड़ी सीमा चीन के साथ लगती है. दरअसल भारत और चीन के बीच सीमा को लेकर विवाद है, इसी के कारण बार-बार तनाव भड़कता रहता है.

डीआरडीओ ने शुरू किया टैंक का ट्रायल

हालांकि भारत ने पहले ही प्रोजेक्ट जोरावर के तहत 25 टन के हल्के टैंक बनाने का लक्ष्य रखा है, जिसका उद्देश्‍य अधिक ऊंचाई और ऊबड़-खाबड़ इलाकों में ऑपरेशन को गति प्रदान करना है. बता दें कि डीआरडीओ ने इस साल टैंक का ट्रायल भी शुरू कर दिया है. इस दौरान हल्के टैंक लद्दाख जैसे इलाकों में अधिक उपयोगी होंगे, जहां पर भारी युद्धक टैंकों को लाने और ले जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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