China: हमारे अंतरिक्ष में कई सारे रहस्य छिपे है, जिसका पता लगाने में दुनिया के तमाम वैज्ञानिक जुटें हुए है. ऐसे में ही चीन के वैज्ञानिकों ने चांद को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है. दरअसल, चीनी वैज्ञानिकों ने बताया है कि चंद्रमा के सुदूर भाग से प्राप्त मिट्टी और चट्टानों से संकेत मिले हैं कि वह हिस्सा पृथ्वी की ओर वाले हिस्से की तुलना में अधिक शुष्क हो सकता है. हालांकि उन्होंहने कहा है कि इस मामले में स्पष्ट तस्वीर के लिए और अधिक नमूनों की आवश्यकता है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि चंद्र आवरण में पानी की प्रचुरता यह समझाने में मदद कर सकती है कि चंद्रमा कैसे विकसित हुआ. दरअसल बीते साल चीन चंद्रमा के सुदूर हिस्से पर उतरने वाला पहला देश बन गया था. चीन की अंतरिक्ष यान यान ‘चांग ई 6’ ने दक्षिण ध्रुव-‘ऐटकेन बेसिन’ से ज्वालामुखीय चट्टान और मिट्टी को निकाला था.
मिट्टी के नमूनों का किया गया अध्ययन
इस दौरान ‘चीनी विज्ञान अकादमी’ के सेन हू ने बताया कि उन्होंने और उनकी टीम ने पांच ग्राम मिट्टी के नमूने लेकर विस्तृत विश्लेषण के लिए इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोप की मदद से 578 कणों का चयन किया. उन्होंने बताया कि पिछले दशकों में चंद्रमा के निकटवर्ती भाग से एकत्र किए गए नमूनों की तुलना में इनमें पानी की प्रचुरता 1.5 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम से भी कम है.
और नमूनों की होगी आवश्यकता
शोधकर्ताओं के मुताबिक, निकटवर्ती भाग से लिए गए नमूनों में यह मात्रा एक माइक्रोग्राम से लेकर 200 माइक्रोग्राम प्रति ग्राम के बीच है. वहीं, एक रिपोर्ट में कहा गया कि कम नमूने होने के कारण अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह शुष्क स्थिति कितनी व्यापक है. ऐसे में इसके स्परष्ट जानकारी के लिए और नमूनों की आवश्यथकता होगी.
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