China-Pakistan naval exercise: चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं अपनी समुद्री ताकत दिखाने के लिए संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही हैं. ऐसे में इस युद्धाभ्यास पर भारतीय नौसेना की भी नजर बनी हुई है और खासकर चीन के जहाजों पर. इस बात की जानकारी बुधवार को सरकार के सूत्रों ने दी. उन्होंने कहा कि नौसेना चीनी जहाजों की हर मूवमेंट पर विशेष ध्यान रख रही है. जब से चीन के जहाजों ने मलक्का स्ट्रेट से हिंद महासागर में प्रवेश किया है उसके बाद से ही वह भारत के रडार पर बना हुआ हैं.
चीन जहाजों द्वारा जासूसी का खतरा
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान और चीन की नौसेनाएं अब तक का सबसे बड़ा नौसेना युद्धाभ्यास कर रही हैं. इस युद्धाभ्यास का नाम सी गार्जियन-3 बताया जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में दोनों देशों की नौसेनाएं लाइव फायर ड्रिल करेंगी, जिसका मेन मकसद अपनी समुद्री ताकत दिखाना है. दरअसल, चीन की नौसेना लगातार हिंद महासागर में अपनी ताकत बढ़ाने में जुटी है. यही कारण है कि चीन की सेना किसी ना किसी बहाने हिंद महासागर में जासूसी करने की कोशिश करती है.
हिंद महासागर में चीन बढ़ा रहा अपनी ताकत
अरब सागर में कराची तट पर अब चीन और पाकिस्तान की नौसेनाएं युद्धाभ्यास कर रही हैं. हालांकि चीन की नौसेना का इस युद्धाभ्यास के जरिए हिंद महासागर के विशाल हिस्से का सर्वेक्षण करने की संभावना जताई जा रही है. जिससे हिंद महासागर में चीनी पनडुब्बियों को नेविगेट किया जा सके.
आपको बता दें कि चीन हिंद महासागर मे पानी के नीचे नेवीगेट करने के लिए मानचित्र बनाने के लिए डेटा एकत्रित कर रहा है और इसी पर भारतीय नौसेना नजर बनाए हुई है. चीनी नौसेना हिंद महासागर के क्षेत्र में नियमित रूप से युद्धाभ्यास कर रही है साथ ही हिंद महासागर में अपने नौसेना बेस भी बना रहा है. हालांकि भारतीय नौसेना द्वारा भी चीन के खतरे को देखते हुए उन्होंने अपने युद्धाभ्यास की संख्या बढ़ा दी है.
ये भी पढ़े:-Doda Bus Accident: जम्मू-कश्मीर के डोडा में बड़ा हादसा, 300 फीट गहरी खाई में गिरी बस; 20 यात्रियों की मौत!