China Pakistan Relation: कर्ज तले दबा पाकिस्तान एक बार फिर चीन के दरवाजे पर पहुंचा है. पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब और योजना मंत्री अहसान इकबाल वित्त सहायता के लिए चीन पहुंचे हैं. उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 15 अरब डॉलर के एनर्जी ऋण को रिफाइनैंस करने की मांग की है. हालांकि, पाकिस्तान को चीन की सरकार ने अभी कोई हरी झंडी नहीं दी है. वहीं, पाकिस्तान के इस कदम से एक्सपर्ट सवाल उठाने लगे हैं कि आखिर पाकिस्तान क्यों चीन के जाल में फंसता जा रहा है. पाकिस्तान में चीन द्वारा कई बड़े प्रॉजेक्ट पर भी काम किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट्स से भी आम नागरिकों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. वहीं पाकिस्तान की सरकार ने भी माना है कि उनका देश कर्ज चुकाने में सक्षम नहीं है.
भारी भरकम कर्ज में डूबा पाकिस्तान
मालूम हो कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान इस समय भारी भरकम कर्ज में दबा है. उसके पास ब्याज तक चुकाने के भी पैसे नहीं हैं. पाक अपनी खराब नीतियों के चलते चीन के कर्ज के जाल में फंसता जा रहा है. उसे मजबूर होकर बार-बार कर्ज लेने के लिए चीन के दरवाजे खटखटाने पड़ रहे हैं.
पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने उठाए सवाल
पाकिस्तानी एक्सपर्ट ने चीनी प्रॉजेक्ट को लेकर सवाल उठाए. विशेषज्ञ ने कहा कि सीपीईसी कार्यक्रम के अंतर्गत पाकिस्तान में कई बिजली संयंत्र स्थापित होने के 10 वर्ष बाद भी देश में ऊर्जा संकट बना हुआ है. लोगों की घरेलू खपत की मांग पूरी नहीं हो रही है और बिजली भी महंगी है. एक्सपर्ट ने बताया कि शुरुआत से ही चीन के बिजली संयंत्रों की कीमत ज्यादा थी. चीन को 17 प्रतिशत डॉलर मूल्य वाले प्रतिफल देने का भी वादा था, लेकिन अभी तक वो पैसे नहीं चुकाया गया है.
मुनाफे का भी भुगतान करने में असमर्थ
पाकिस्तानी चैनल दुनिया टीवी से बातचीत में योजना मंत्री अहसान इकबाल ने माना कि उनका देश कर्ज चुकाने की स्थिति में नहीं है. इकबाल ने कहा कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के अंतर्गत बिजली परियोजनाओं के लिए भी चीन का कर्ज चुकाने में पाकिस्तान सक्षम नहीं है. पाक चीन को मुनाफे का भुगतान करने में भी असमर्थ है, ये लगभग डिफॉल्ट की स्थिति हैं. हालांकि, उन्हें उम्मीद है कि चीन उनकी सहायता जरूर करेगा.
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