China: चीन में पिछले कुछ समय में ताबड़तोड़ मस्जिदों की मीनारों में बदलाव किए जा रहे है. ऐसे में ही अब चीन में अरबी शैली में बनी आखिरी बड़ी मस्जिद की इमारत में भी कई बदलाव किए गए है. इस दौरान मस्जिद के गुंबद और मीनारों को बदल दिया गया है. बता दें कि मस्जिद की इमारत में इस तरह से बदलाव किया गया है कि वो अब अरबी शैली के बजाय चीनी अंदाज की इमारत लगे.
चीन में किए जा रहे ये बदलाव देश की मस्जिदों का चीनीकरण किए जाने के सरकारी अभियान के तहत किए जा रहे हैं, जिससे की सभी लोग चीन से जुड़ा हुआ महसूस कर सके और इसी लिए मस्जिद के गुंबद और मीनारें भी हटाई गई हैं. साथ ही मस्जिद के ऊपर लगे अर्धचंद्र और टाइलों को भी कम कर दिया गया है
China: इस योजना का उद्देश्य
दरअसल, चीनी सरकार ने साल 2018 में ‘इस्लाम के चीनीकरण’ के लिए पांच वर्ष के योजना का ऐलान किया था. चीन के इस योजना का उद्देश्य विदेशी वास्तुकला शैली का विरोध करना और चीनी विशेषता वाली इस्लामिक वास्तुकला को बढ़ावा देना है.
इस्लाम के चीनीकरण की बहस ने पकड़ा जोर
एक रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2016 में राष्ट्रीय धार्मिक कार्य सम्मेलन के दौरान शी जिनपिंग ने ‘इस्लाम के चीनीकरण’ की अवधारणा पर बात की थी. उन्होंने धर्मों को समाज के अनुकूल बनाने और चीनी संस्कृति के साथ ही धार्मिक मान्यताओं के एकीकरण की वकालत की थी. जिससे इस्लाम के चीनीकरण की बहस ने जोर पकड़ा.
China पर लगे मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप
वहीं साल 2017 में चीनी सरकार ने मुस्लिमों को लेकर सख्त रुख अपनाना शुरू किया. जिसके बाद से ही चीन ने मुसलमानों पर की गई कार्रवाइयों को ‘धार्मिक अतिवाद’ को खत्म करने का प्रयास बताया. इस दौरान बहुत से उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अनुष्ठानों को प्रतिबंधित किया गया और बड़ी तादाद में गिरफ्तारियां भी की गईं. इस अभियान के लिए चीन पर लगातार मानवाधिकार उल्लंघन के गंभीर आरोप भी लगते रहे हैं.
आलोचना के बावजूद भी पीछे नहीं हटा चीन
हालांकि संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने साल 2022 की अपनी रिपोर्ट में चीनी सरकार पर शिनजियांग में गंभीर मानवाधिकारों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना के बावजूद भी चीन अपनी नीति से पीछे नहीं हटा है. चीनी सरकार का मस्जिदों और मुस्लिमों पर कई तरह की पाबंदी लगाने वाला अभियान शिनजियांग, निंग्जिया और गांसु प्रांत तक चल रहा है.
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