China Taiwan War: चीन ताइवान को अपने कब्जे में करने के लिए लगातार प्रयासरत है, वहीं, इससे लिए वो ताइवान को समय समय पर उक्साता रहता है. वहीं, इस बार चीन ने ताइवान को लेकर बड़ी धमकी दी है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने साफ साफ शब्दों में कहा है कि ताइवान के चीन में एकीकरण को कोई नहीं रोक सकता है. कोई भी हमारे बीच नातेदारी के बंधन को कभी भी खत्म नहीं कर सकता है.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राज्य प्रसारक पर अपना 2025 नववर्ष संबोधन देते हुए कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य के दोनों किनारों पर बसें हम एक ही परिवार है. बता दें कि चीन स्व-शासित द्वीप ताइवान को अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है. साथ ही एक अनिवार्य राजनयिक नीति के रूप में ताइवान को अपने हिस्से के रूप में मान्यता देते हुए ‘वन-चाइना’ बनाता है.
जिनपिंग ने अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण का लिया संकल्प
नए साल पर चीनी राष्ट्रपति का संदेश का अन्य मुख्य फोकस चीनी जनता को अर्थव्यवस्था के बारे में आश्वस्त करना था, जो कोविड -19 के बाद काफी धीमी हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप आकर्षक रियल एस्टेट क्षेत्र का पतन हो गया और देश भर में व्यवसायों के बंद होने के कारण नौकरी छूट गई. हालांकि इस वक्त चीन की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ है और यह ऊपर की ओर बढ़ रही है.
राष्ट्रपति ने कहा कि चीन ने देश के साथ ही विदेश में भी बदलते माहौल के प्रभावों पर सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया दी है. साथ ही पिछले वर्ष में उच्च गुणवत्ता वाले विकास को आगे बढ़ाने में ठोस लाभ हासिल करने के लिए नीतियों की एक पूरी श्रृंखला अपनाई है.
चीन ने हासिल की बड़ी सफलता
वहीं, ई-वाहनों जैसी नई उत्पादक शक्तियों में चीन की सफलता पर जोर देते हुए कहा कि देश ने वास्तविक परिस्थितियों के आलोक में नई गुणवत्ता वाली उत्पादक शक्तियों को बढ़ावा दिया है. साथ ही नए व्यापार क्षेत्रों, रूपों और मॉडलों को उभरते देखा है. जिनपिंग ने कहा कि देश में नई ऊर्जा वाहनों का वार्षिक उत्पादन 2024 में पहली बार 10 मिलियन से ऊपर हो गया है. वहीं, एकीकृत सर्किट, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम संचार और कई अन्य क्षेत्रों में चीन ने बड़ी सफलता हासिल की है.
लाई चिंग-ते ने लिया संकल्प
वहीं, ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने चीन के बढ़ते खतरें के सामने द्वीप की सुरक्षा को मजबूत करने का वादा किया है. उन्होंने हाल नए साल के अपने संबोधन में कहा कि ताइवान विश्व स्तर पर “लोकतंत्र की रक्षा की रेखा” का एक महत्वपूर्ण हिस्सा था. हालांकि चीन का दावा है कि ताइवान, एक स्व-शासित लोकतंत्र, उसके क्षेत्र का हिस्सा है. ऐसे में अगर जरूरत पड़ी तो बलपूर्वक भी द्वीप पर कब्जा किया जा सकता है.
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