China: अमेरिका और चीन लगातार एक दूसरे से आगे निकलने के होड़ में लगे हुए है. ऐसे में ही चीन ने अमेरिका पर बड़ा आरोप लगाया है. चीन के एक अधिकारी का कहना है कि अमेरिका एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए अपनी इंडो-पैसिफिक रणनीति के माध्यम से नाटो जैसे ग्रुप का गठन कर रहा है. अमेरिका का उद्देश्य नाटो जैसे ग्रुप का गठन कर चीन के प्रभावों को कम करना है.
आपस में टकराव पैदा कर रही इंडो-पैसिफिक रणनीति
केंद्रीय सैन्य आयोग के संयुक्त कर्मचारी विभाग के उप प्रमुख जिंग जियानफेंग का बयान शांगरी ला डायलॉग के दौरान अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के भाषण के जवाब में आया है. बता दें कि शांगरी ला डायलॉग एशिया का प्रमुख रक्षा शिखर सम्मेलन है, जिसका हर साल सिंगापुर में आयोजन किया जाता है.
सम्मेलन के दौरान लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन, जिसे उत्तरी अटलांटिक गठबंधन भी कहा जाता है, 32 सदस्य देशों-30 यूरोपीय और 2 उत्तरी अमेरिकी का एक अंतरसरकारी सैन्य गठबंधन है. अमेरिका की इंडो-पैसिफिक रणनीति आपस में टकराव पैदा कर रही है.
China: एशिया सुरक्षित होगा तभी…
जिंग जियानफेंग ने कहा कि अमेरिका का उद्देश्य नाटो के एशिया-प्रशांत वर्जन के छोटे सर्कल को बड़े सर्कल में विलय करना है, जिससे अमेरिका के नेतृत्व वाले प्रभुत्व को बनाए रखा जा सके. चीन करीब पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, लेकिन ताइवान, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और वियतनाम इसके कुछ ही भागों पर दावा करते है.
इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि अमेरिका तभी सुरक्षित रह सकता है जब एशिया सुरक्षित रहेगा. यही वजह है कि लंबे समय से अमेरिका एशियाई क्षेत्रों में अपनी मौजूदगी बनाए हुए है.
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