चीनी कंपनियों पर US के इस एक्शन से दोनों देशों में बढ़ी रार, चीन ने जताया कड़ा विरोध

Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)
Must Read
Raginee Rai
Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

China-US: अमेरिका और चीन के रिश्‍तों के बीच लंबे समय से चली आ रही खटास दुनिया से छिपी नहीं है, लेकिन ये दोनों देश आमने-सामने नहीं आते हैं. दोनों के बीच आए दिन दुनिया के बाजार पर कब्‍जा को लेकर कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है. अब अमेरिका ने कड़ा रुख अपनाते हुए चीन के कई कंपनियों को निर्यात नियंत्रण लिस्‍ट में शामिल कर दिया है, जिसका चीन ने कड़ा विरोध किया है. चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन अमेरिका के इस कार्रवाई का कड़ा विरोध करता है. चीन ने अमेरिका से तुंरत गलत एक्‍शन बंद करने और चीनी उद्यमों की वैध हितों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने का आग्रह किया है.

अमेरिका की कार्रवाई एकदम एकतरफा

चीनी प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिकी एक्‍शन एकदम एकतरफा प्रतिबंध और लांग आर्म ज्युरिसडिक्शन है, जो इंटरनेशनल ट्रेड सिस्‍टम और नियमों को ख़त्म करती है. इसके साथ ही सामान्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक एवं व्यापारिक आवाजाही रोकती है और ग्‍लोबल बिजनेस चेन और सप्लाई चेन की सुरक्षा तथा स्थिरता पर बुरा प्रभाव डालती है. चीन इससे बेहद असंतुष्‍ट है और डटकर कड़ा विरोध करता है.

अमेरिकी सांसदों ने की थी कार्रवाई की मांग

हाल ही में दो अमेरिकी सांसदों ने कहा था कि अगर अमेरिका चीन के खिलाफ अपने प्रौद्योगिकी निर्यात प्रतिबंधों को बढ़ाना जारी रखता है, तो उसके हितों को नुकसान होगा और अमेरिकी कंपनियां मौत के जाल में फंस जाएंगी. सांसदों ने बाइडेन प्रशासन से चीन को नई प्रौद्योगिकी निर्यात प्रतिबंधों की योजना बनाना बंद करने का आह्वान किया​ था. अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय में कैलिफोर्निया से डेमोक्रेटिक सीनेटर एलेक्स पैडीला और प्रतिनिधि सभा के प्रतिनिधि ज़ो लोफग्रेन ने निर्यात प्रतिबंधों के प्रभारी अधिकारी को एक पत्र भेजा था, जिसमें कहा गया था कि यदि अमेरिका निर्यात प्रतिबंधों को बढ़ाना जारी रखता है, तो तीसरे देश के प्रतिस्पर्धियों को लाभ मिलेगा और अमेरिकी कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा.

दोनों सांसदों ने आग्रह किया था कि चीन को नई प्रौद्योगिकी निर्यात प्रतिबंधों के कार्यान्वयन को तब तक के लिए सस्‍पेंड किया जाए, जब तक कि अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय यह साबित नहीं कर देता कि संबंधित नीतियां उन्नत सेमीकंडक्टर और सेमीकंडक्टर विनिर्माण उपकरणों में अमेरिकी प्रतिस्पर्धात्मकता को क्षति नहीं पहुंचाएंगी.

 ये भी पढ़ें :- India Singapore Ministerial: आज सिंगापुर में भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय बैठक, एस जयशंकर और सीतारमण सहित ये केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल

Latest News

UNSC में अमेरिका के वीटो की OIC ने की आलोचना, भारत वाली मांग को दी प्राथमिकता

UNSC Resolution: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अमेरिका ने एक बार फिर से इजरायल के बचाव में वीटो का...

More Articles Like This