China Vigil on India: पिछले कुछ दिनों से उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिले से लगे नेपाल में नेपाल की नमस्ते कंपनी के पुराने थ्री जी मोबाइल टॉवरों को चीनी कंपनी द्वारा 4जी में अपग्रेड किया जा रहा है. जबकि नए टावर 4जी हो चुके हैं, जो भारत के लिए सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है और सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी चुनौती है.
दरअसल, हाल ही में नेपाल ने मोबाइल टॉवरों को 4जी बनाने के लिए कथित तौर पर ग्लोबल टेंडर लगाए थे, जिसका कार्य चीनी कंपनी को दिया गया है. ऐसे में अब तक नेपाल के बैतड़ी और दार्चुला जिले में लगभग तीन से चार नए टावर 4जी लग चुके है, जबकि अन्य थ्री जी टावरों को 4जी किया जा रहा है.
मोबाइल टावरों को 4जी कर रही चीनी कंपनी
बता दें कि नेपाल के नमस्ते कंपनी के थ्री जी टावरों की क्षमता पहले से ही इतनी अधिक है कि उसके सिग्नल भारत की सीमा में 38 से 40 किमी दूर तक पकड़ते हैं. ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि जब थ्री जी सिग्नल इतने अच्छे थे, तो इन्हें 4 जी करने की क्या आवश्यकता पड़ गई, और 4 जी में अपग्रेड किया भी जा रहा है तो इसका काम चीन को क्यों दिया गया.
भारत ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
वहीं इन टॉवरों में कौन सी डिवाइस लगाई जा रही है उसके तंरग कहां तक पहुंचेंगे यह भी स्पष्ट नहीं है, ऐसे में कयास लगाए जा रहे है कि भारत की सीमा पर नेपाल के माध्यम से चीन अपनी किसी नए चाल को तो नहीं चल रहा है. फिलहाल चीन द्वारा टावरों के अपग्रेड किए जाने को लेकर भारत की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
भारत के टॉवरो की क्षमता काफी कम
बात करें सीमा पर लगाए गए भारत के टावरों की तो अभी भी नेपाल सीमा से लगा कुछ क्षेत्र नेटवर्क से वंचित है. क्योंकि भारत सरकार द्वारा नेपाल सीमा पर लगाए गए मोबाइल टॉवरों की क्षमता काफी कम रखी गई है. विशेषकर निजी संचार कंपनियों की नेपाल सीमा पर क्षमता काफी कम है. लेकिन उसके बावजूद भी इन टॉवरों के सिग्नल भारत के बराबर ही नेपाल में ही आते हैं.
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