China: चीन ने जी-7 देशों के शीर्ष राजनयिकों द्वारा लगाए गए समुद्री सुरक्षा से संबंधित आरोपों की कड़ी निंदा की है. चीन का कहना है कि जी-7 के सदस्य देशों के आरोप बेबुनियाद है और उनके इरादे अहंकार, पूर्वाग्रह और दुर्भावनापूर्ण हैं. हालांकि इस दौरान उसने किसी भी तरह की जवाबी कार्रवाई की धमकी नहीं दी है.
बता दें कि हाल ही में जी-7 देशों ने चीन पर समुद्री सुरक्षा को खतरे में डालने और कुछ अवैध और खतरनाक कार्रवाइयों का आरोप लगाया था, जिसके बाद चीन ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जी-7 देशों का यह आरोप सिर्फ एक राजनीतिक चाल है और इसका उद्देश्य चीन की क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास को निशाना बनाना है.
चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा
चीन का कहना है कि जी-7 देश पुरानी बयानबाजी को दोहरा रहा है और ये चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप जैसा है. साथ ही चीन ने यह भी आरोप लगाया कि जी-7 के बयान में तथ्यों को नजरअंदाज किया गया और उसे बदनाम करने की कोशिश की गई है. ऐसे में चीन ने कनाडा में अपने दूतावास के माध्यम से जी-7 देशों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है.
जी-7 देशों ने दिया था ये बयान
दरअसल, जी-7 देशों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बयान जारी किया था, जिसमें चीन की कार्रवाइयों को अवैध, उत्तेजक, बलपूर्वक और खतरनाक” बताया गया. इसके साथ ही ये भी कहा गया कि चीन ने एकतरफा तरीके से दक्षिण चीन सागर में स्थिति बदलने की कोशिश की है, जिससे क्षेत्रीय स्थिरता को खतरा हो सकता है. जी-7 देशों ने ताइवान पर अपनी नीति अपरिवर्तित रखने की पुष्टि की और चीन के समुद्र में किए गए कार्यों की निंदा की. उन्होंने कहा कि ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता को बनाए रखना अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है.
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