China’s Chang’e-6 Lander: चीन के अंतरिक्ष मिशन ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. चीन का चांग’ई-6 चंद्र लैंडर रविवार सुबह सफलतापूर्वक चंद्रमा के अंधेरे वाले हिस्से पर उतरा. ये लैडिंग चीन के चंद्र मिशन के महत्वपूर्ण मानी जा रही है. चीन इस मिशन से चांद के अंधेरे वाले हिस्से से नमूना लाने वाला पहला देश बनना चाहता है. चीनी स्पेस एजेंसी के अनुसार, लैंडिंग मॉड्यूल रविवार सुबह साउथ पोल-एटकेन बेसिन नामक एक विशाल गड्ढे में लैंड किया है. यहां से वह चांद की सतह से सैंपल इकट्ठा करना शुरू करेगा.
… तो 53 दिन तक चलेगा मिशन
चीन का यह मिशन अब तक का सबसे मुश्किल मून मिशन है. 3 मई को शुरू हुए इस मिशन का मकसद पहली बार चांद के दूसरे हिस्से (अंधेरे वाले) हिस्से से मिट्टी और चट्टान का नमूना लाना है. यह दूसरा मिशन है जब कोई लैंडर चंद्रमा के सुदूर हिस्से में सफल लैंड किया है. पहली बार चीन को ही 2019 में अपने चांग’ई-4 मिशन से ये ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल हुई थी. अगर सब कुछ प्लान के अनुसार चलता रहा तो यह मिशन 53 दिनों तक चलेगा.
अंतरिक्ष में नंबर 1 बनना चाहता है चीन
चीन का ये मून मिशन चैंग-ई मून एक्सप्लोरेशन प्रोग्राम का हिस्सा है. इसको चीन में चांद की देवी मानी जाने वाली चैंग के नाम पर रखा गया है. चीन का ये प्रोग्राम अंतरिक्ष में नंबर 1 बने हुए अमेरिका से बढ़ती प्रतिस्पर्धा का हिस्सा है. बता दें कि चांद के दूरदराज वाले हिस्से पर अपना मिशन पहुंचाने वाले देशों में अमेरिका का नाम पहले आता है. चीन दुनिया की एक प्रमुख स्पेस शक्ति बनना चाहता है. इस फील्ड के दूसरे खिलाड़ी भारत और जापान से भी चीन कई कदम आगे निकलने का प्रयास कर रहा है.
इसलिए नमूना चाहता है चीन
चीन ने पहले ही ऑर्बिट में अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित किया है और लगातार वहां दल को भेज रहा है. चीन 2030 तक चंद्रमा पर अंतरिक्ष यात्रियों भेजने का प्लान कर रहा है. इस तरह चीन ऐसा करने वाले अमेरिका के बाद दूसरा देश होगा. इसके साउथ पोल पर चीन एक रिसर्च बेस बनाना चाहता है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक चांग’ई-6 लैंडर की ओर से इकट्ठा किए गए सैंपल चंद्रमा, पृथ्वी और सौर मंडल की उत्पत्ति और विकास को लेकर अहम सुराग दे सकते हैं.
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