India China Relation: पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव चलता रहा है. इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी राजदूत शु फेइहोंग से मुलाकात की. इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता लाने एवं इसमें प्रगति के ‘‘साझा हित” पर ध्यान केंद्रित करने का रहा.
इसी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूजीलैंड और श्रीलंका के दूतों से भी अलग-अलग मुलाकात की. इसको लेकर उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी. उन्होंने अपने एक्स पोस्ट पर लिखा, “आज शाम चीन के राजदूत शु फेइहोंग से मुलाकात की. हमारे द्विपक्षीय संबंधों में स्थिरता लाने और इसमें प्रगति के ‘साझा हित’ पर चर्चा की. उन्हें सफल कार्यकाल की शुभकामनाएं दीं.”
कई महीनों से रिक्त था चीनी राजदूत का पद
जानकारी दें कि काफी समय से चीनी राजदूत का पद खाली था. करीब 18 महीने बाद चीनी राजदूत शु फेइहोंग दिल्ली पहुंचे हैं. यह अंतराल विगत 4 दशकों का सबसे लंबा अंतराल रहा है. बता दें कि चीनी राजदूत शु फेइहोंग ने विगत 31 मई को कई नवनियुक्त विदेशी दूतों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना परिचय पत्र प्रस्तुत किया था.
Received Ambassador of China Xu Feihong this evening.
Discussed our bilateral relationship and our common interest in its stabilization and progress.
Wished him a successful tenure. pic.twitter.com/JTbYUs0N1e
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) June 25, 2024
विदेश मंत्री से मुलाकात के बाद चीनी राजदूत ने बताया कि वह चीन-भारत संबंधों के विकास को ‘‘सही दिशा” में आगे बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने को उत्सुक हैं.
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर चीनी राजदूत ने एक पोस्ट साझा की और लिखा कि आज विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर से मुलाकात कर सम्मानित महसूस कर रहा हूं. हमने चीन-भारत संबंधों और साझा हितों के अन्य मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. उनकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद. चीन-भारत संबंधों को सही दिशा में आगे बढ़ाने के लिए भारतीय पक्ष के साथ काम करने को उत्सुक हूं.
चीन के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते
उल्लखनीय है कि पूर्वी लद्दाख में सैन्य गतिविधियों को लेकर चीन और भारत के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे हैं. इस बीच 18 महीने की असामान्य विलंब के बाद शु की नियुक्ति हुई है. बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच और तनाव बढ़ गया है. इस मामले में भारत का कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति स्थापित होने तक चीन के साथ उसके संबंध सामान्य नहीं हो सकते.
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