Nepal: नेपाल के केंद्रीय बैंक (NRB) ने चीन की कंपनी को 100 रुपए के नोट छापने की जिम्मेदारी सौंपी है. दोनों देशों के बीच 30 करोड़ नोट छापने का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है. नेपाली बैंक के ये वही नोट हैं, जिन पर देश का विवादित नक्शा दिखाया गया है. ये नक्शा लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को नेपाल का हिस्सा दिखाता है, जो लंबे समय से भारत का हिस्सा हैं. बता दें कि इस साल मई में एक नेपाल सरकार ने नए 100 रुपए के बैंक नोटों के नए डिजाइन को मंजूरी दी थी.
नोटों के डिजाइनिंग, प्रिंटिंग के लिए अनुबंध
नेपाल राष्ट्र बैंक की ओर से जारी बयान के अनुसार, चीनी कंपनी चाइना बैंकनोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन को नए बैंकनोटों की छपाई का ठेका दिया गया है. बैंक के बयान के अनुसार, 300 मिलियन नोटों के डिजाइनिंग, प्रिंटिंग, सप्लाई और वितरण के लिए ये अनुबंध है. इसमें बोलीदाताओं के लिए निर्देशों को उत्तरदायी सबसे कम बोली के तौर पर चुना गया है.
चीनी कंपनी ने लगाई थी बोली
चीनी कंपनी को संशोधित नक्शे वाले नए 100 रुपए के नोटों को फिर से डिजाइन करने और मुद्रित करने का काम दिया गया है. एनआरबी ने कहा कि चाइना बैंक नोट प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ने इस परियोजना के लिए टेंडर जीत ली है.
कंपनी द्वारा वैश्विक निविदा के जरिए अनुबंध हासिल करने के बाद, उनसे एक आशय पत्र का अनुरोध किया गया था. एनआरबी ने चीनी कंपनी को 300 मिलियन सौ रुपये के नोटों को डिजाइन, प्रिंट, आपूर्ति और वितरित करने के लिए कहा है. इसमें 8,996,592 अमेरिकी डॉलर की लागत आएगी.
भारत से विवाद की वजह बना ये नोट
नेपाल भारत के 5 राज्यों- सिक्किम, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के साथ 1,850 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है. नेपाल ने एक संवैधानिक संशोधन के माध्यम से 20 मई, 2020 को लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी को अपना हिस्सा बताते हुए नया नक्शा जारी किया था. इसमें पश्चिमी तिब्बत के न्गारी क्षेत्र में स्थित सभी विवादित क्षेत्रों को नेपाल ने अपना बताया है. ये क्षेत्र बीते 60 साल से पूरी तरह से भारत के नियंत्रण में हैं. यहां के लोग भारत के नागरिक हैं और भारत में कर चुकाते हैं. साथ ही भारत में मतदान करते हैं.
ये भी पढ़ें :- मिल गया नसरल्लाह का उत्तराधिकारी, हिजबुल्लाह ने नईम कासिम को बनाया नया चीफ