Chinese refineries: अमेरिका और चीन के बीच बढते ट्रेड वार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लिया है, दरअसल अमेरिका ने चीन के एक रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगा दिया है. अमेरिका चीनी रिफाइनरी के खिलाफ यह कार्रवाई ईरान से एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक मूल्य का तेल खरीदने के बाद की है.
चीन आई ईरान से कच्चे तेल की दर्जनों खेप
अमेरिकी वित्त मंत्रालय का कहना है कि इस धन से ईरान की सरकार को और ईरान समर्थित आतंकवादी समूहों को आर्थिक मदद मिलती है. ट्रंप प्रशासन के मुताबिक, जिस रिफाइनरी पर प्रतिबंध लगाया गया है, उसे ईरान से कच्चे तेल की दर्जनों खेप प्राप्त हुईं, जिनकी कीमत एक अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है.
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि कुछ खेप ईरान के अर्द्धसैनिक बल ‘रिवोल्यूशनरी गार्ड’ से जुड़ी एक कंपनी से थी. वहीं, अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित इस सूची में कई कंपनी और पोतों के नाम शामिल हैं.
खुद को गंभीर खतरे में डाल रहे ये देश
दरअसल अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि कोई भी रिफाइनरी, कंपनी या दलाल जो भी ईरान से तेल की खरीद करता है या उसके व्यापार में मदद करता है वह खुद को गंभीर खतरे में डाल रहा है. ऐसे में अमेरिका ईरान की तेल आपूर्ति श्रृंखला को मदद देने वाले सभी तत्वों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है.
बता दें कि ईरान पर यमन के हूती विद्रोहियों, लेबनान के हिज़्बुल्ला और गाजा के हमास जैसे चरमपंथी संगठनों को समर्थन देने का आरोप है.
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