COVID-19:उत्तर कोरिया ने एक बार फिर से राष्ट्रीय टीकाकरण अभियान शुरू किया है. यह अभियान संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) के सहयोग से उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए शूरू किया गया है, जो कोविड के दौरान महत्वपूर्ण टीकों से वंचित रह गए थे.
बता दें कि इस अभियान के तहत करीब आठ लाख से अधिक बच्चों और एक लाख बीस हजार गर्भवती महिलाओं को जीवन रक्षक टीका लगाया जाएगा. इय अभियान के तहत डिप्थीरिया, खसरा, रूबेला और हेपेटाइटिस के टीके लगाए जाएंगे.
बच्चों को बीमारियों से बचाने का है मकसद
मीडिया रिपोर्टस से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बात की जानकारी यूनिसेफ ने दी है. यूनिसेफ कार्यालय प्रतिनिधि रोलैंड कुप्का ने कहा कि “यह अभियान हमारे प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जिससे हम डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके) में हर बच्चे का टीकाकरण करा सकें और उन्हें बचपन की सामान्य बीमारियों से बचा सकें.
टीकाकरण दर में हुई कमी
यूनिसेफ का कहना है कि कोविड-19 महामारी के वजह से उत्तर कोरिया में टीकाकरण दर में महत्वपूर्ण कमी आई. बता दें कि महामारी से पहले टीकाकरण दर करीब 96 फीसदी थी, लेकिन साल 2021 के मध्य तक यह दर करीब 42 फीसदी से भी कम हो गई थी.
4 मिलियन से अधिक टीकों के खुराक की है जरूरत
उसने कहा कि जुलाई में टीकाकरण अभियान शुरू करने के लिए उत्तर कोरिया को चार मिलियन से अधिक जरूरी टीकों की खुराक दी गई, जिसमें से दो मिलियन खुराक वर्तमान कैच-अप टीकाकरण अभियान में उपयोग की जाएंगी, जबकि बाकी को स्वास्थ्य केंद्रों में वितरित किया जाएगा. एजेंसी के मुताबिक, यूनिसेफ ने साल 2021 और 2023 के बीच उत्तर कोरिया में पिछले तीन कैच-अप टीकाकरण अभियानों का समर्थन किया. जिससे महामारी के दौरान लगभग 1.3 मिलियन बच्चे लाभान्वित हुए.
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