साइबेरिया की बर्फ में मिला 32000 साल पुराने ऊनी गैंडे का शव, वैज्ञानिक भी हैरान

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Woolly Rhinoceros: रूस के वैज्ञानिकों ने साइबेरिया की बर्फ में एक बड़ी खोज की है. बर्फ में एक युवा बुली गैंडे यानी ऊनी गैंडे का जमा हुआ शरीर मिला है. ऊनी गैंडे की उम्र मरने के समय 4 साल की रही होगी. इस खोज से वैज्ञानिक काफी हैरान हैं, क्‍योंकि इसका शव 32 हजार साल से संरक्षित है. गैंडे का यह शव पूरी तरह से ममीकृत है, जिसे शिकारियों ने खाया था.

बुली गैंडे का दाहिना भाग पूरी तरह से संरक्षित है, जिसमें त्वचा और फर के धब्बे हैं जो हजारों साल से उसी तरह बरकरार हैं, जैसे वह शुरुआत में थे. लेकिन इसका बायां हिस्सा देखने के बाद पता चलता है कि इसके ऊपर हमला हुआ था. यह जख्म मरने से कुछ समय पहले या बाद के घंटों के हो सकते हैं.

अध्‍ययन में खुलासा

रूसी विज्ञान अकादमी और सखा गणराज्य की विज्ञान अकादमी के शोधकर्ताओं ने गैंडे के शव से जुड़ा अध्ययन लिखा, जो 1 जुलाई को डोकलाडी अर्थ साइंसेज पत्रिका में प्रकाशित हुआ. स्‍टडी के अनुसार लिखा गया कि जांघ के ऊपरी भाग से लेकर कंधे तक शव गंभीर रूप से नष्ट हो गया है. शरीर के अंदर के हिस्से दिखने लगे हैं. अधिकतर आंतें गायब हैं.  शोधकर्ताओं ने लिखा कि क्षत-विक्षत शव से यह स्‍पष्‍ट है कि शिकारी इसका बायां हिस्सा खा गए थे.

उथले पानी में हुई थी गैंडे की मौत  

शोधकर्ताओं ने आगे लिखा कि ‘फर में लगे छोटे क्रस्टेशियंस के अवशेष से यह पता चलता है कि ऊनी गैंडे (कोएलोडोंटा एंटिकिटेटिस) की मौत उथले पानी में हुई थी.’ रेडियोकार्बन डेटिंग से पता चलता है कि ऊनी गैंडा 32000 साल पहले मर गया और फिर बर्फ में जम गया. ऊनी गैंडा गैंडे की एक विलुप्‍त प्रजाति है.

ऊनी गैंडा 460,000 से 12000 साल पहले आखिरी हिमयुग के दौरान ऊनी गैंडे आर्कटिक टुंड्रा में घूमते थे. ये विशालकाय जानवर थे. वुली मैमथ के बाद यह दूसरे सबसे विशालकाय शाकाहारी जीव माने जाते थे. वुली मैमथ की ही तरह गैंडे भी अपने झबरे फर के वजह से ठंड से बचे रहते थे, लेकिन वैज्ञानिक अभी भी इन जानवरों के बारे में बहुत कम जानकारी हासिल कर पाए हैं.

वैज्ञानिकों को और क्या पता चला

ऊनी गैंडे की खोज ने इन जानवरों के बारे में और भी अधिक समझने में मदद की है. वैज्ञानिकों को अगस्त 2020 में रूस के उत्तरपूर्वी सखा गणराज्य में टायरेखत्याख नदी के तट पर शव मिला था. स्थानीय इलाके के नाम पर इसे ‘अबीस्की गैंडा’ कहा गया. यहां से अवशेषों को टीम को भेजा गया, जहां शव वर्तमान में फ्रीजर में रखा है. शोधकर्ताओं ने अध्‍ययन के लिए त्वचा, फर और मुलायम ऊतकों के नमूने लिए. ऊनी गैंडे के दांतों की भी जांच की गई. उसके सींग की लंबाई मापी और उसकी पीठ पर बड़ा कूबड़ देखा, जो संभवतः वसा से भरा हुआ था. अध्‍ययन के अनुसार, एक सींग 9.4 इंच लंबा था.

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