बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ लगातार दुर्व्यवहार किया जा रहा है. एक ओर उनके साथ मारपीट की जा रही है. वहीं, दूसरी ओर धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया जा रहा है. अब तक कई मंदिरों में तोड़फोड़ कर उनमें आग लगा दी गई. पुजारियों को मारा गया. इस बीच, श्मशान घाट में हिंदू पुजारी की हत्या को लेकर देश की अंतरिम सरकार की ओर से सफाई पेश की गई है. मोहम्मद यूनुस सरकार का कहना है कि पुजारी की मौत सांप्रदायिक हिंसा में नहीं हुई है. विवार को बांग्लादेश सरकार की मीडिया शाखा ने कहा, देश में हाल ही में मारा गया व्यक्ति हिंदू पुजारी नहीं था और उसकी मौत सांप्रदायिक हिंसा से नहीं बल्कि श्मशान घाट में चोरी से जुड़ी थी.
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के एक व्यक्ति की कथित हत्या के संबंध में इस्कॉन कोलकाता द्वारा किए गए दावों को खारिज करते हुए, ‘चीफ एडवाइजर्स प्रेस विंग फैक्ट्स’ के आधिकारिक फेसबुक पेज ने इस्कॉन बांग्लादेश के अधिकारियों और नाटोर पुलिस से मिली जानकारी का हवाला देते हुए कहा, यह हत्या संभवतः डकैती के प्रयास के कारण हुई। यह स्पष्टीकरण इस्कॉन कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास द्वारा सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक वीडियो साझा करने के एक दिन बाद आया. इसमें दावा किया गया था कि बांग्लादेश के नाटोर में एक श्मशान घाट पर स्थित मंदिर में “तरुण कुमार दास नामक एक हिंदू पुजारी की चरमपंथियों द्वारा हत्या कर दी गई”. ‘
‘सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है’
कथित तौर पर पीड़ित के हाथ-पैर बंधे हुए शव को एक वीडियो में दिखाया गया था. दास ने आरोप लगाया, पुजारी को मारने से पहले उसे प्रताड़ित किया गया और मंदिर में लूटपाट की गई. नाटोर सदर पुलिस थाने के प्रभारी मोहम्मद महबूबोर रहमान के हवाले से सीए प्रेस विंग की ओर से जारी बयान में कहा गया है, “शनिवार और रविवार की सुबह के बीच मिली जानकारी के आधार पर प्रारंभिक तौर पर यह माना जाता है कि कुछ नशेड़ियों ने श्मशान घाट से चोरी करने का प्रयास किया था. सभी संभावित कारणों की जांच की जा रही है.”