Deep-sea cable cutter: चीनी वैज्ञानिकों ने हाल ही में एक डीप-सी केबल कटर बनाया है, जो समुद्र के नीचे के सबसे मजबूत संचार और पावर केबल्स को भी काट सकता है. अगर ऐसा होता है, तो पूरी दुनिया का इंटरनेट कनेक्शन बाधित हो सकता है. यही वजह है इस डिवाइस के बनने से वैश्विक इंटरनेट और डाटा सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता पैदा हो गई है.
बता दें कि यह उपकरण चीन के शिप साइंटिफिक रिसर्च सेंटर (CSSRC) और उसकी स्टेट की लेबोरेटरी ऑफ डीप-सी मैनड व्हीकल्स द्वारा बनाया गया है. इसे लेकर चीनी वैज्ञानिकों का कहना है कि यह केबल कटर खासतौर पर समुद्र तल खनन के लिए डिज़ाइन किया गया था, लेकिन इस उपकरण की दोहरी उपयोगिता (ड्यूल-यूज) चिंता का विषय बन गई है.
4000 मीटर गहरे पानी में भी काम करने में सक्षम
दरअसल, चीनी वैज्ञानिको द्वारा विकसित ये डिवाइस समुद्र के 4000 मीटर गहरे पानी में काम कर सकता है और उस गहरे पानी में बिछी हुई स्टील-रेनफोर्ड केबल्स को भी आसानी से काट सकता है. बता दें कि इन समुद्री केबल्स पर दुनिया का 95% इंटरनेट और डेटा ट्रांसमिशन निर्भर करता है.
कैसे काम करता है ये डिवाइस?
समुद्र के नीचे के संचार केबल्स बेहद मजबूत होते हैं क्योंकि उन्हें पॉलिमर, रबर और स्टील की परतों से कवर किया जाता है, जिससे की वो गहरे समुद्र के दबाव और अन्य प्राकृतिक घटनाओं से सुरक्षित रहें. लेकिन चीन का ये उपकरण इन मजबूत केबल्स को काटने में सक्षम है. इस डिवाइस में एक डायमंड-कोटेड ग्राइंडिंग व्हील लगाया गया है, जो 1600 RPM की गति से घूमता है और स्टील के केबल्स को काटने के लिए पर्याप्त फोर्स उत्पन्न करता है. इसके अलावा, यह डिवाइस समुद्र के गहरे पानी में 400 एटीएम तक के दबाव में भी काम कर सकता है.
चीन के इस उपकरण से दुनिया भर में चिंता का माहौल
इस उपकरण को चीनी सबमर्सिबल्स, जैसे फेंडोज़े (Striver) और हैडौ के साथ काम करने के लिए खासतौर से डिज़ाइन किया गया है. दरअसल, सबमर्सिबल्स समुद्र की गहराई में जाकर समुद्र के तल के बारे में जानकारी जुटाने और रिसर्च करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस उपकारण उपस्थिति और उसकी क्षमता ने दुनिया भर में चिंताएं पैदा कर दी हैं. खासकर पश्चिमी देशों में.
उन्हें इस बात का डर है कि यदि चीन चाहें, तो युद्ध के समय इस उपकरण का इस्तेमाल समुद्र के नीचे के संचार केबल्स को काटने के लिए कर सकता है, जिससे पूरी दुनिया का इंटरनेट कनेक्शन ठप हो सकता है.
इन जगहों पर चीन कर सकता है इस डिवाइस का इस्तेमाल
विशेषज्ञों का मानना है कि इस डिवाइस का इस्तेमाल चीन अगर ताइवान पर हमला करता है तो यह देश इस डिवाइस का इस्तेमाल ताइवान के पास स्थित समुद्र के नीचे के संचार केबल्स को काटने के लिए कर सकता है. इसके अलावा, गुआम जैसे अमेरिकी क्षेत्रों के पास भी चीन इस उपकरण का उपयोग कर सकता है, जहां अमेरिकी सैन्य ठिकाने और एयरबेस स्थित हैं.
यूरोपीय देशों को भी सुरक्षा की चिंता
चीन के इस उपकरण की क्षमता को देखते हुए यूरोपीय देशों को भी अपनी सुरक्षा के बारे में चिंता होने लगी है. उन्हें इस बात का डर है कि चीन इस उपकरण का इस्तेमाल हाइब्रिड युद्ध के रूप में कर सकता है, जिसमें यह साबित करना मुश्किल होगा कि यह चीन ने किया है या नहीं, और इसके परिणामस्वरूप कई देशों के लिए गंभीर आर्थिक नुकसान हो सकता है.
हालांकि, अभी यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि चीन इस उपकरण का वास्तविक उपयोग कहां करेगा, लेकिन इसके बारे में बढ़ती चिंताए और आशंकाएं साफ संकेत देती हैं कि यह तकनीकी विकास वैश्विक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है. हालांकि की चीन ने हमेशा इस तरह के आरोपों को नकारा है.