Donald Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही कई बड़े ऐलान किए है और कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर भी किया है. उन्ही में ये एक मौत की सजा से जुड़ा आदेश भी है, जिसपर डोनाल्ड ट्रंप ने हस्ताक्षर किया है. इस आदेश के तहत न्याय विभाग को कहा गया है कि गंभीर संघीय मामलों में दोषी ठहराए गए लोगों को मौत की सजा की मांग की जाए.
इतना ही नहीं, अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल को भी निर्देश दिया है कि वो ये सुनिश्चित करें कि सभी राज्यों के पास अपराधियों को मौत की सजा देने के लिए पर्याप्त घातक जहरीले इंजेक्शन हो. ट्रंप के इस आदेश के साथ ही अमेरिका में मौत की सजा पर रोक समाप्त हो गई है.
ट्रंप ने फिर से शुरू की मौत की सजा
बता दें कि अमेरिका में साल 2021 में अटॉर्नी जनरल मेरिक गार्लेंड के एक आदेश से मौत की सजा पर रोक लगी हुई है, वहीं, जो बाइडन सरकार के दौरान मौत की सजा पाए 37 दोषियों की सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया था. हालांकि जिस वक्त बाइडन सरकार ने यह फैसला किया था तब ट्रंप ने इसकी काफी आलोचना भी की थी. साथ ही गंभीर अपराध के दोषियों को मौत की सजा देने की वकालत भी की थी. उन्होंने उसी वक्त कहा था कि जब वे सत्ता में वापस आएंगे तो मौत की सजा को फिर से शुरू किया जाएगा.
इन मामलों में मौत की सजा दिलाने का निर्देश
इस दौरान अमेरिका के नए राष्ट्रपति ट्रंप ने अटॉर्नी जनरल को संघीय क्षेत्राधिकार का पालन करने और गंभीर अपराधों में अन्य कारकों की परवाह किए बिना मृत्युदंड की मांग करने का निर्देश दिया. खास तौर से उन मामलों में जब कानून प्रवर्तन अधिकारियों की हत्या या अवैध प्रवासियों द्वारा किसी के हत्या मामले में मौत की सजा की मांग की जाए.
डोनाल्ड ट्रंप के आदेश में कहा गया है कि ‘सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेदारी अपने नागरिकों को हिंसा से बचाना है और मेरा प्रशासन अमेरिकी नागरिकों के खिलाफ हिंसा के भयानक कृत्य करने वालों के खिलाफ मृत्युदंड की मांग को बाधित करने को बर्दाश्त नहीं करेगा.’
ट्रंप ने ड्रग तस्करों को भी मौत की सजा देने का किया था समर्थन
बता दें कि इससे पहले उन्होंने पिछले साल अपने चुनाव अभियान के दौरान भी ड्रग्स बेचने वालों को मौत की सजा देने का प्रावधान करने की बात कही थी. साथ ही मानव तस्करी से जुडें मामलों में भी अधिकतम सजा देने का समर्थन किया था. इस दौरान उन्होंने ड्रग तस्करों के साथ चीन के कठोर व्यवहार की भी तारीफ की थी.
तीन कैदियों को मिलनी है मौत की सजा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के पूर्व सरकार द्वारा 37 दोषियों को क्षमादान देने के बाद अब महज तीन कैदी ही रह गए है, जिन्हें मौत की सजा दी जानी है. इसमें डायलन रूफ का नाम भी शामिल, जिसने साल 2015 में दक्षिण कैरोलिना के चार्ल्सटन में चर्च के नौ अश्वेत सदस्यों की हत्या कर दी थी. इसके अलावा दो अन्य जोखर त्सरनेव मैराथन में बम विस्फोट और रॉबर्ट बोवर्स साल 2018 में पिट्सबर्ग के एक यहूदी प्रार्थना स्थल में 11 अनुयायियों की गोली मारकर हत्या करने का दोषी है.
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