Donald Trump: अमेरिका के नवनिर्चाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खास काश पटेल को एफबीआई की तरफ से बताया गया है कि एजेंसी की “ईरानी हैक” का शिकार बनाया गया है. सूत्रों के मुताबिक, हैकर्स की काश पटेल के कुछ संचारों तक पहुंच प्राप्त की हो सकती है. इस घटनाक्रम के दौरान ट्रंप प्रशासन के सूत्रों के द्वारा पुष्टि की गई है कि काश पटेल ने ईरान के खिलाफ पहले ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
इसी बीच ट्रंप प्रशासन के प्रवक्ता एलेक्स फाइफर ने इस ईरानी हैक पर बिना टिप्पणी किए कहा कि काश पटेल एफबीआई निदेशक के रूप में ट्रंप की नीतियों को लागू करेंगे, साथ ही अमेरिका को सुरक्षा देने के लिए प्रमुख कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि काश पटेल ईरान के आतंकवादी शासन के खिलाफ हमारी सरकार के प्रयासों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे ऐसे में वो राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों को लागू करने के लिए काम करेंगे जिससे अमेरिका के विरोधियों से सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
FBI से मिली हैकिंग हमले की जानकारी
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एफबीआई ने काश पटेल और ट्रंप की टीम को साइबर अटैक के बारे में सूचना दी. इस दौरान ट्रंप के संक्रमण टीम ने इसपर सीधे कोई टिप्पणी नहीं की और न ही इसे सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया. वहीं, अब इस घटना ने विदेशों से आने वाले हैकिंग हमलों के बढ़ते प्रयासों के बीच एक नया मोर्चा खोला है, जिसमें ट्रंप के करीबी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है.
अमेरिका में बढ़ता ईरान का साइबर हमला
बता दें कि ईरान ने पिछले कुछ वर्षो में ट्रंप के पहले प्रशासन के अधिकारियों को निशाना बनाया है. इसके अलावा अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी ट्रंप के चुनावी अभियान से चोरी की गई जानकारी को जो बाइडन के अभियान से जुड़े व्यक्तियों के साथ शेयर किया. वहीं, इससे पहले इसी साल जून के महिने में ईरान के हैकर्स ने ट्रंप के साथी रोजर स्टोन के ईमेल खाते तक पहुंच बनाई, जिसका उपयोग एक उच्च पदस्थ ट्रंप अभियान अधिकारी के ईमेल को हैक करने के प्रयास में किया.
कौन हैं काश पटेल?
दरअसल, काश पटेल एक भारतीय अमेरिकी हैं, जो डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगियों में से एक रहे हैं. वहीं, हाल ही में उन्हें ट्रंप की ओर से एफबीआई का प्रमुख नियुक्त किया गया है, जिसके बाद से वो एक बार फिर से चर्चा में आ गए है.
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