Donald Trump: अमेरिका के उच्चतम न्यायालय ने नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप उस याचिका को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने पॉर्न स्टार को मुंह बंद रखने के लिए भुगतान (हश मनी) करने से संबंधित मामले में सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने की अपील की थी. हश मनी के इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद न्यूयॉर्क की एक अदालत के न्यायाधीश जुआन एम. मर्चन के लिए ट्रंप को सजा सुनाने का रास्ता साफ हो गया.
दरअसल, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देकर चुप रहने के लिए कहा था. अभियोजन पक्ष के मुताबिक, ट्रंप ने डेनियल्स को चुप रहने के लिए 1,30,000 अमेरिकी डॉलर का भुगतान किया था.
ट्रंप की याचिका खारिज
हालांकि इस मामले को लेका ट्रंप पहले ही दोषी साबित हो चुके है, लेकिन उन्होंने डेनियल्स से किसी भी तरह के संबंधों और कोई भी गलत काम करने के आरोपों को खारिज किया है. हीं, इस मामले को लेकर उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट समेत पांच न्यायाधीशों की पीठ ने ट्रंप की तत्काल सुनवाई की याचिका खारिज कर दी.
34 आपराधिक आरोपों में दोषी पाए गए ट्रंप
न्यूयॉर्क की अदालतों के ट्रप को सजा सुनाए जाने पर रोक लगाने से इनकार के बाद ट्रंप के वकीलों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था. हालांकि इस मामले में मर्चन ने सुनवाई करने के बाद पिछले साल मई में ट्रंप को 34 आपराधिक आरोपों में दोषी पाया था. ऐसे में ट्रंप की टीम ने उच्चतम न्यायालय से सजा सुनाए जाने पर तत्काल रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा था कि इससे राष्ट्रपति पद की शपथ लेने की उनकी तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.
ट्रंप की छवि को होगा नुकसान
उन्होंने कहा था कि ट्रंप को 20 जनवरी को राष्ट्रपति पद की शपथ लेनी है. इस दौरान मर्चन ने संकेत दिए है कि वो ट्रंप को जेल की सजा नहीं सुनाएंगे और न ही कोई जुर्माना या रोक लगाएंगे, लेकिन ट्रंप के वकीलों का कहना है कि केवल दोषी करार दिए जाने से भी ट्रंप की छवि को नुकसान पहुंचेगा.
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