Afghanistan: अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर चीन ने बड़ी चाल चल दी है. खबर है कि राजधानी काबुल के पास स्थित बगराम एयरबेस पर चीन एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात करने जा रहा है. बता दें कि यह वहीं एयर बेस हैं जहां से अमेरिका पूरे अफगानिस्तान में अपने हवाई अभियास का संचालन करता था. अफगानिस्तान में चीन के इस कदम को बड़ी सफलता के तौर पर देखा जा रहा है. दरअसल जब से अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार आई तब से ड्रैगन की नजर इस एयर बेस पर थी. कई बार चीन ने तालिबानी सरकारी से इस अड्डे की मांग की थी लेकिन एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने की खबर से इस बात की पुष्टि हो गई है कि चीन की वहां तक पहुंच हो चुकी है.
बगराम एयरपोर्ट का सर्वे कर रही चीन और रूस की टीमें
अफगानिस्तान के चर्चित पत्रकार और इन दिनों कनाडा में रह रहे बिलाल सरवरी के कहा कि इस बात की विश्वसनीय खबरें हैं कि चीन और रूस की टीमें बगराम और काबुल एयरपोर्ट का ‘सर्वेक्षण’ कर रही हैं. रक्षा मामलों के जानकार तमीम एसे के मुताबिक, चीन तालिबान राज में बगराम एयरबेस और अन्य बड़े प्रांतीय अड्डों पर एंटी ड्रोन सिस्टम लगाने वाला है. उन्होंने बताया कि तालिबान के रक्षा मंत्रालय के लीक हुए मेमो से यह उगाजर हुआ है. लीक हुए मेमो के अनुसार, तालिबानी चीनी इंजीनियरों की सहायता से एंटी ड्रोन सिस्टम को लगाने जा रहे हैं. तालिबान को डर है कि अमेरिका और पाकिस्तान ड्रोन अटैक कर सकते हैं.
चीन का अफगानिस्तान में क्या है प्लान?
रक्षा मामलों के जानकार तमीम ने बताया कि यह दिखाता है कि तालिबान और चीन के बीच सुरक्षा और सैन्य समझौते काफी मजबूत होते जा रहे हैं. इस खबर का खुलासा तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब ने खुद ही दो दिन पहले किया था. बता दें कि चीन ने सबसे पहले तालिबान के राजदूत को मान्यता देकर दुनिया को हैरान कर दिया था. दुनिया से अलग थलग पड़े तालिबान के प्रशासन के लिए चीन का यह कदम किसी वरदान से कम नहीं था. चीन जिस तरह से कदम उठा रहा है, उससे साफ है कि वह पर्दे के पीछे से तालिबानी प्रशासन को मान्यता देता है और रणनीतिक तथा आर्थिक लाभ पाना चाहता है.
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