Ballistic Missile: भारत ने किया इंटरसेप्टर मिसाइल का सफल परीक्षण, जानिए कैसा है यह सिस्टम?

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

India Ballistic Missile Test: यूं तो भारत समय-समय पर तमाम मिसाइल परीक्षण करते रहता है, लेकिन इस बार कुछ बड़ा मिसाइल परीक्षण किया है. भारत ने बुधवार को DRDO ने इसके फेज-2 का सफल टेस्ट किया. इसे इजरायल के आयरन डोम जैसा मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैयार किया है.

भारत ने बुधवार को बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस (BMD) सिस्टम के दूसरे चरण का सफल परीक्षण किया. इसको लेकर भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत ने दुश्मन की 5000 किलोमीटर रेंज वाली परमाणु शक्ति से संपन्न मिसाइलों के खिलाफ अपनी रक्षा करने की क्षमता दिखाई है. इस टेस्ट के लिए, ओडिशा के 10 गांवों को खाली करा लिया गया था. बुधवार को, धामरा मिसाइल कॉम्प्लेक्स से ‘दुश्मन’ की टारगेट मिसाइल लॉन्च हुई. चार मिनट के भीतर, BMD सिस्टम ने ‘इंटरसेप्टर मिसाइल’ लॉन्च कर दी. इंटरसेप्टर ने टारगेट मिसाइल को ध्वस्त कर दिया.

बता दें कि भारत का यह मिसाइल डिफेंस सिस्टम, इजरायल के आयरन डोम जैसा है. हालांकि, अमेरिका, रूस, चीन और इजरायल जैसे देशों के उलट, भारत को प्रभावी BMD सिस्टम की तैनाती के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना है. भारत का बीएमडी कार्यक्रम 1990 से ही चल रहा है. पहली इंटरसेप्टर मिसाइल का टेस्ट नवंबर 2006 में किया गया था.

परीक्षण के पहले खाली कराया गया था 10 गांव

इस मिसाइल के बारे में लगभग सभी जानकारियों को सरकार ने गुप्त रखा. इस परीक्षण से पहले बालासोर के चांदीपुरा में आसपास के 10 गांवों को खाली कराया गया था. प्रशासन ने परीक्षण से पहले प्रक्षेपण स्थल के 3.5 किलोमीटर के दायरे में बसे 10 गांवों के 10,581 लोगों को अस्थायी रूप से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर दी थी. इसके लिए DRDO ने ओडिशा सरकार को पहले ही सूचना दे दी थी.

जानिए कैसे किया गया टेस्ट?

जानकारी के मुताबिक, बुधवार शाम 4.20 बजे, धामरा मिसाइल कॉम्प्लेक्स से एक ‘टारगेट मिसाइल’ छोड़ी गई जो दुश्मन की लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल की नकल थी. जमीन और समुद्र में लगे रडारों की मदद से, BMD सिस्टम ने फौरन इस मिसाइल का पता लगा लगा लिया. फिर चांदीपुर से ‘AD (एडवांस्ड एरिया डिफेंस) एंडो-एटमॉस्फेरिक इंटरसेप्टर मिसाइल’ दागी गई.

DRDO के एक अधिकारी ने बताया, ‘इंटरसेप्टर ने टारगेट को नष्ट कर दिया. फ्लाइट टेस्ट ने ट्रायल के सभी उद्देश्यों को पूरा किया, जिससे लंबी दूरी के सेंसर, लो लेटेंसी कम्युनिकेशन सिस्टम और एडवांस्ड इंटरसेप्टर मिसाइलों से युक्त संपूर्ण नेटवर्क-केंद्रित युद्ध हथियार प्रणाली की पुष्टि हुई.’

कैसा है यह सिस्टम

DRDO अधिकारी के मुताबिक, यह सॉलिड-फ्यूल, दो स्टेज वाला इंटरसेप्टर मिसाइल सिस्टम ‘अन्तर्देशीय से लेकर निम्न बाह्य-वायुमंडलीय क्षेत्रों की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दुश्मन के कई प्रकार के बैलिस्टिक मिसाइल खतरों को बेअसर करने’ के लिए है.

फेज-1 को नहीं किया गया तैनात

ज्ञात हो कि DRDO ने BMD सिस्टम के फेज-1 से जुड़े सभी टेस्ट पूरे कर लिए हैं. इस चरण को 2,000 किलोमीटर तक की रेंज वाली दुश्मन मिसाइलों को खत्म करने के लिए डिजाइन किया गया था. फेज-1 के तहत, BMD को पृथ्वी के वायुमंडल के अंदर (एंडो) और बाहर (एक्सो), दोनों जगहों पर 15-25 किमी से लेकर 80-100 किमी की ऊंचाई पर टारगेट को हिट करना था. हालांकि, Mach 4.5 यानी सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने वाली इंटरसेप्टर मिसाइलों के साथ BMD सिस्टम के फेज-1 को अभी तक तैनात नहीं किया गया है.

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