9/11 के मास्टरमाइंड के साथ पहले की समझौता अब लिया यू-टर्न, विरोध के बाद अमेरिका का बड़ा कदम

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

9/11 Attack: हाल ही में अमेरिका ने न्यूयार्क में हुए 9/11 हमलों के दोषी खालिद शेख मोहम्मद और उसके दो साथियों को बड़ी राहत दी थी. अमेरिका के न्‍याय विभाग ने तीनों आरोपियों के साथ समझौता कर लिया था, जिसको लेकर पीड़ित परिवार नाखुश थें और इस समझौते का जमकर विरोध कर रहे थे. अब लोगों के बढ़ते विरोध को देखते हुए अमेरिकी रक्षा विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है. शुक्रवार को अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने हमले के मास्‍टरमाइंड खालिद शेख मोहम्‍मद के साथ मृत्‍युदंड की सजा खत्‍म करने वाले समझौते को रद्द कर दिया है.

समझौते के बाद अमेरिका का यू-टर्न

अमेरिकी रक्षा विभाग ने यह यू-टर्न समझौते का ऐलान के ठीक दो दिन बाद लिया है. जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने आरोपी मोहम्मद शेख और उसके दो सहयोगियों के साथ बीते बुधवार, 31 जुलाई को एक समझौते का ऐलान किया था. इस समझौते से ऐसा लग रहा था कि अब इन मुख्य आरोपियों के लंबे समय से चल रहे मामले समाधान की ओर बढ़ेंगे, लेकिन 11 सितंबर, 2001 को मारे गए लोगों के परिवारों ने इस समझौते का विरोध कर दिया. पीड़ित परिवार के विरोध को देखते हुए इस समझौते को रद्द कर दिया गया.

अमेरिकी रक्षा सचिव ने कहा…

रक्षा सचिव ऑस्टिन ने मामले की देखरेख करने वाली सुसान एस्केलियर को संबोधित एक ज्ञापन में कहा कि मैंने यह सुनिश्चित किया है कि अभियुक्तों के साथ पूर्व-परीक्षण समझौते में प्रवेश करने के फैसले के महत्व को देखते हुए… ऐसे निर्णय की जिम्मेदारी मुझ पर होनी चाहिए.” ज्ञापन में कहा गया है, “मैं उपरोक्त संदर्भित केस में 31 जुलाई, 2024 को आपकी तरफ से हस्ताक्षरित तीन पूर्व-परीक्षण समझौतों से हटता हूं.” 9/11 हमलेके अभियुक्तों के खिलाफ मामले कई सालों से उलझे पड़े हैं, जबकि अभियुक्त क्यूबा में ग्वांतानामो बे सैन्य अड्डे पर कस्‍टडी में हैं.

न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में कही ये बात

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद, वालिद बिन अताश और मुस्तफ़ा अल-हौसावी ने आजीवन कारावास की सज़ा के बदले में साजिश के लिए आरोपी होने की दलील देने पर सहमत हुए थे, बजाय इसके कि उन्हें ऐसे मुक़दमे का सामना करना पड़े जो उन्हें मृत्युदंड की तरफ ले जा सकता है. हमले के तीनों दोषियों के मामलों के इर्द-गिर्द कानूनी दांव-पेंच का अधिकतर हिस्सा इस बात पर केंद्रित रहा है कि 9/11 हमले के बाद के साल में सीआईए के हाथों विधिवत यातनाएं झेलने के बाद क्या उन पर निष्पक्ष तौर पर मुकदमा चलाया जा सकता है.

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