Earth’s Slowing Rotation: जलवायु परिवर्तन का असर अब पृथ्वी के गति पर देखने को मिल रहा है. एक नए अध्ययन में पता चला है कि पोलर रीजन में काफी तेजी से बर्फ पिघल रहा है जिससे पृथ्वी की गति अब धीमी पड़ने लगी है. पृथ्वी के चाल में बदलाव आना चिंता का विषय है. वैज्ञानिकों ने बताया कि पृत्वी की गति धीमी होने से अब दिन लंबें और राते छोटी होंगी. पृथ्वी के नार्थ और साउथ पोल पर स्थित ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका क्षेत्र में बर्फ तेजी से पिघल रहा है, जिससे पानी इक्वेटर यानी भूमध्य रेखा की ओर जा रहा है. इससे पृथ्वी के द्रव्यमान में वृद्धि हो रही है और पृथ्वी धीरे घूम रही है.
इक्वेटर के पास बदल रहा पृथ्वी का आकार
ईटीएच ज्यूरिख के लेटेस्ट स्टडी में में जलवायु परिवर्तन को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए है. नेचर जियोसाइंस की स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, क्लाइमेट चेंज के वजह से पृथ्वी के रोटेशन और धुरि में खास परिवर्तन देखने को मिल रहा है. धरती की चाल धीमी और धुरि में बदलाव होने से दिन और रात की समय में परिवर्तन देखा जा रहा है. अध्ययन का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर बेनेडिक्ट सोजा ने अध्ययन रिपोर्ट में लिखा है कि धरती की धुरि से द्रव्यमान के दूर होने से पृथ्वी की रफ्तार धीमी हो रही है. सोजा के मुताबिक, संतरे के आकार की पृथ्वी का इक्वेटर के पास थोड़ा हिस्सा उभरा हुआ है और इसका आकार ज्वार, ज्वालामुखी और भूकंप के वजह से लगातार बदल रहा है.
2100 तक 2.2 मिली सेकंड बढ़ जाएगी दिन की अवधि
स्टडी रिपोर्ट की मानें तो अगर यही हालत रही तो भविष्य में हालात और भी खराब हो सकते हैं. अध्ययन में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, जिसके अनुसार 21वीं सदी के अंत तक पृथ्वी इतनी गर्म हो जाएगी कि उसका असर चांद के खिंचाव से भी ज्यादा पड़ेगा. साल 1900 से अब तक जलवायु परिवर्तन के वजह से दिन 0.8 मिली सेकेंड लंबे हो चुके हैं. अगर इसी तरह से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ता रहा तो साल 2100 तक सिर्फ जलवायु परिवर्तन से दिन 2.2 मिली सेकंड लंबे होने लगेंगे.
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