Egypt: महान पिरामिड के पास मिला रहस्यमयी स्ट्रक्चर, अंदर हो सकती है किसी बड़े शख्सियत की कब्र

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Mysterious Underground Entrance Near Egypt’s Great Pyramid : दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जो अपने आप में तमाम रहस्‍य समेट हुए है. उन्‍हीं जगहों में से शामिल है मिस्‍त्र (Egypt) और वहां का पिरामिड. मिस्र  के रहस्यमयी पिरामिडों के बारे में कई दंत कथाएं प्रसिद्ध हैं. इनमें सबसे विशाल है फराहो खुफु का पिरामिड, जिसे ‘गीजा का महान पिरामिड’ (Great Pyramid of giza) के नाम से जानते हैं. दुनिया के सात अजूबों में गीजा पिरामिड शामिल है. गीजा के महान पिरामिड के बारे में वैज्ञानिको को कुछ नई बात पता चली है. आइए जानते हैं.

जमीन के नीचे एक रहस्यमयी स्ट्रक्चर

आर्कियोलॉजिस्ट्स ने गीजा पिरामिड के पास जमीन के नीचे एक रहस्यमयी स्ट्रक्चर खोज निकाला है. माना जा रहा है कि इसके अंदर एक कब्र हो सकती है जिसको करीब 4500 साल पहले बनाया गया था. जिस जगह पर यह अंडरग्राउंड स्ट्रक्चर मिला है उस जगह को पिरामिड बनाने वालों की कब्रगाह कहते हैं. यह नील नदी के पश्चिमी किनारे पर है.

L आकार का मिला स्‍ट्रक्‍चर

दरअसल, आर्कियोलॉजिस्ट्स की टीम ने गीजा की पश्चिमी कब्रगाह में इस संरचना को खोजने के लिए जमीन के अंदर देख सकने की क्षमता से लैस रडार का इस्तेमाल किया था. जिसके बाद जमीन के नीचे L आकार की इस स्‍ट्रक्‍चर के छिपे होने की बात सामने आई. यह जमीन के नीचे स्थित किसी चैंबर के प्रवेश द्वार के जैसा है. कहा जा रहा है कि इसमें किसी बड़ी शख्सियत की कब्र होने की उम्‍मीद है. इसी कब्रगाह में पिरामिड का काम शुरू करवाने वाले राजा खूफू की कब्र भी मौजूद है.

शाफ्ट से जुड़े हैं दोनों स्ट्रक्चर

स्कैनर्स का इस्तेमाल करके आर्कियोलॉजिस्ट्स को पता चला है कि L आकार की ये संरचना करीब 32 फीट लंबा और 49 फीट चौड़ा है. इसके नीचे एक और संरचना है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह इसके नीचे स्थित संरचना एक मस्तबा हो सकता है. मस्तबा एक जमीन के नीचे के कब्र को कहते हैं, जिसकी छत का निर्माण आमतौर पर लाइमस्टोन या मिट्टी की ईंटों से होता था. आर्कियोलॉजिस्ट्स का कहना है कि ये दोनों संरचना एक-दूसरे के साथ एक वर्टिकल शाफ्ट से जुड़े हुए हैं. 

अभी और जांच की है जरूरत

जानकारी के अनुसार, यह संरचना जमीन से करीब 6 फीट अं‍दर है और रेत से भरा हुआ है. रिसर्चर्स का मानना है कि इसमें रेत जानबूझकर भरी गई होगी, ताकि लगभग 30 फीट और नीचे मौजूद चैंबर के प्रवेश द्वार को ब्लॉक किया जा सके. इसकी खोज में रडार के साथ-साथ इलेक्ट्रिकल रेसिस्टिविटी टोमोग्राफी टेकनीक का इस्तेमाल भी किया गया, जो जियोलॉजिकल वैरिएशंस के बारे में बताती है. रिसर्चर्स का कहना है कि सच्चाई जानने के लिए अभी और जांच करने की आवश्‍यकता है.

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