Egypt: मिस्त्र ने अपनी रक्षा नीति में बड़ा परिवर्तन किया है. अपनी एयरफोर्स में नए फाइटर जेट के लिए अमेरिका और रूस के ऑफर को ठुकराकर चीन के साथ सौदा कर लिया है. जल्द ही मिस्त्र चीन से J-10C फाइटर जेट खरीदने वाला है. यह मिस्र की रक्षा खरीद में एक रणनीतिक बदलाव दिखाता है. इन्हें खरीदने का फैसला ऐसे समय में किया गया है जब इस बात की अटकलें तेज थी कि मिस्र अपने F-16 को F-16 वी वेरियंट में अपग्रेड करने के लिए अमेरिका से बातचीत करेगा. बता दें कि मिस्त्र के पास तकरीबन 200 अमेरिकी एफ-16 जेट हैं.
रूस और अमेरिका ने दिया था ऑफर
J-10C के डील से पहले अमेरिका और रूस दोनों ने ही मिस्र को ऑफर दिया था, जिसे मिस्र ने अस्वीकार कर दिया. कथित तौर पर मिस्र अपने F-16 वर्जन को आधुनिक बनाने के लिए नए एफ-15 खरीदने की प्लानिंग कर रहा था. लेकिन आखिर में इसे अस्वीकार किया गया.
बता दें कि चीन के J-10C फाइटर जेट को ‘माइटी ड्रैगन’ कहा जाता है. यह कम लागत में बेहतर लड़ाकू क्षमताएं देता है. J-10 C एक मल्टीरोल फाइटर जेट है, जो हवा से हवा और हवा से जमीन पर मार करने वाले हथियारों से युक्त है. इस जेट की तुलना अमेरिका के F-16 से की जाती है. मिस्र के लिए यह बेहद आकर्षक विकल्प है. कथित तौर पर 19 अगस्त को इस फाइटर जेट के समझौते पर हस्ताक्षर किया गया. दरअसल, मिस्र अपनी वायुसेना को आधुनिक बनाने के तरीकों की खोज में है. वह पुराने F-16 फाइटर जेट्स को चरणबद्ध तरीके से रिटायर कर रहा है.
दुनिया का चौथा सबसे बड़ा F-16 यूजर मिस्र
मिस्र के इस फैसले के पीछे का कारण खुद अमेरिका ही है. बता दें कि मिस्र दुनिया का चौथा सबसे बड़ा F-16 फाइटर जेट का यूजर है. इसके बावजूद अमेरिका ने बार-बार उसे दृश्य-सीमा से परे (BVR) क्षमता देने से मना किया. मिस्र के बेड़े में करीब 200 F-16 हैं जो उसकी वायुसेना की रीढ़ की हड्डी हैं. पिछले कुछ सालों में मिस्र को F-16 के आधुनिकीकरण और उन्नत हथियारों से लैस करने में कई तरह की राजनीतिक बाधाओं का सामना करना पड़ा है.
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