Greenland: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की जा रही ग्रीनलैंड पर कब्जे की बात को लेकर देश में हलचल है. इसी बीच ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री म्यूट एगेडे ने देश में चुनाव कराने का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री ने 11 मार्च को चुनाव कराने का प्रस्ताव रखा है. इस प्रस्ताव के साथ ही संसद में इस पर भी विचार हुआ कि चुनाव के दौरान मिलने वाले विदेशी राजनीतिक दान पर रोक लगाना चाहिए. चुनाव पर विदेशी मदद पर प्रतिबंध लगाना ट्रंप के लिए बड़ा झटका हो सकता है.
डोनाल्ड ट्रंप को झटका
मालूम हो कि कि ग्रीनलैंड पर डोनाल्ड ट्रंप की नजर है. ऐेसे में चुनाव के दौरान विदेशी मदद पर रोक लगना ट्रंप के लिए किसी झटके से कम नहीं होगा. वह ग्रीनलैंड के चुनाव में चाहेंगे कि उनकी पसंद का कैंडिडेट निर्वाचित हो, ताकि अमेरिका के हित पूरे हो सकें. देखा जाए तो डोनाल्ड ट्रंप का ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने का सपना आज का नहीं है. ये बात 2019 से चली आ रही है जब उन्होंने इसे एक रियल स्टेट डील बताया था.
‘यह समय एक साथ आने का है’
पीएम एगेडे ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में अमेरिकी राष्ट्रपति का नाम लिए बगैर कहा “यह एक ऐसा समय है जिसे हमने अपने देश में पहले कभी अनुभव नहीं किया है.” उन्होंने आगे कहा, “यह समय आंतरिक विभाजन का नहीं, बल्कि हमारे देश के लिए सहयोग और एक साथ आने का है. मैं आपके लिए काम करने और हमारे देश का नेतृत्व करने के लिए फिर से तैयार हूं.”
कब होंगे चुनाव?
ग्रीनलैंड के पीएम म्यूट एगेडे ने मंगलवार को प्रस्ताव रखा कि 11 मार्च को आम चुनाव कराए जाएं. लग रहा है कि आर्कटिक द्वीप की आजादी इस चुनाव का मुख्य मुद्दा होने वाला है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की इसे हासिल करने की नई मांग ने देश भक्ति के भावना को जन्म दिया है. पीएम एगेडे ने कहा कि हम एक गंभीर समय से गुजर रहे हैं और में संसद से चाहता हूं की वे प्रस्ताव को स्वीकार करें.
विदेश दान पर लगेगी रोक
कानून के अनुसार, राजनीतिक दलों को विदेशी या गुमनाम दाताओं से डोनेशन लेने की अनुमति नहीं होगी. इसके अलावा, कोई भी एक पार्टी घरेलू निजी योगदान के तौर पर लगभग 28 हजार डॉलर से अधिक पैसा नहीं ले पाएगी.
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