International News: फ्रांस के राष्ट्रपति ने भंग किया संसद, महीने के अंत में होगा संसदीय चुनाव

Shubham Tiwari
Sub Editor The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

International News: फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अचानक से संसद को भंग कर दिया है. फ्रांस के राष्ट्रपति ने यह फैसला यूरोपियन यूनियन के चुनाव में मिली करारी हार के बाद किया है. नेशनल असेंबली को भंग करने के साथ इमैनुएल मैक्रों ने इस महीने के अंत में संसदीय चुनाव कराने का भी ऐलान किया है.

महीने के अंत तक होगा चुनाव

दरअसल, हाल ही में हुए यूरोपियन यूनियन के चुनाव में इमैनुएल मैक्रों की प्रतिद्वंद्वी मरीन ले पेन की पार्टी नेशनल रैली ने बड़ी जीत दर्ज की है. इस चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रविवार को अचानक संसद भंग करने का ऐलान किया. संसद भंग करने के बाद मैक्रों ने कहा कि देश में अगले चुनाव 30 और 7 जुलाई को दो चरणों में कराए जाएंगे. चुनाव के आए एग्जिट पोल्स से निराश होकर मैक्रों ने कहा कि यूरोप की रक्षा करने वाली पार्टियों के लिए ये परिणाम अच्छे नहीं हैं.

जानिए इमैनुएल मैक्रों ने अपने संबोधन में क्या कहा?

इमैनुएल मैक्रों ने सरकारी टेलीविजन पर बोलते हुए कहा, ‘मैंने आपका संदेश सुन लिया है और मैं इसे बिना जवाब दिए जाने नहीं दे सकता. फ्रांस को शांति और सद्भाव से काम करने के लिए स्पष्ट बहुमत की जरूरत है. मैं ऐसे बर्ताव नहीं कर सकता कि कुछ नहीं हुआ है, मैंने तय किया है कि आपको चुनाव करने का मौका दिया जाए, इसलिए मैं नेशनल असेंबली को आज रात ही भंग कर रहा हूं.’

इस वजह से भंग किया असेंबली

मैक्रों ने अपने संबोधन के दौरान फ्रांस की जनता पर भरोसा जताते हुए कहा, ‘फ्रांस की जनता आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर फैसला करेगी और एक अच्छी सरकार को चुनेगी. साथ ही उन्होंने यूरोपियन यूनियन और देश में बढ़ते दक्षिणपंथी पार्टियों के प्रभाव पर कहा कि यूरोप में दक्षिणपंथी पार्टियां हर जगह आगे बढ़ रही हैं. ऐसे में मैं खुद को नहीं जोड़ सकता, इसलिए मैंने असेंबली भंग कर आपको विकल्प देने का फैसला किया है.’

कैसे होता है यूरोपियन यूनियन चुनाव

ज्ञात हो कि यूरोपियन यूनियन यूरोप के 27 देशों का राजनीतिक और आर्थिक संघ है. इसमें एक संसद होती है जिसके प्रतिनिधियों को सीधे यूरोपीय नागरिकों द्वारा चुना जाता है. इस संसद काम यूरोपीय कानून की लोकतांत्रिक वैधता को बनाए रखना है. ये यूनियन नागरिकों के प्रतिनिधियों से बनी है, जो एक बार चुने जाने के बाद पांच साल तक प्रतिनिधित्व करते हैं.

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