अफगानिस्तान, कनाडा, मालदीव समेत कई देशों के नेताओं ने डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर जाहिर किया गहरा दुख, दी श्रद्धांजलि

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Ex-PM Dr. Manmohan Singh Demise : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार की रात निधन हो गया, जिसपर देश ही नहीं, दुनिया भर के नेताओं ने गहरा दुख जाहिर किया है. वही, भारत में पूर्व प्रधानमंत्री के निधन के केंद्र सरकार ने शुक्रवार को आयोजित सभी सरकारी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है और देश में 7 दिन का राजकीय शोक घोषित किया है.

भारत के महान अर्थशास्‍त्री और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर अफगानिस्तान, कनाडा, मालदीव समेत कई देशों के नेताओं ने गहरा दुख जाहिर किया है. साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के योगदान और अपने अच्छे संबंधों का भी जिक्र किया है.

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने जताया शोक

अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने सोशल मीडिया पर पोस्‍ट करते हुए लिखा कि भारत ने अपने सबसे बेहतरीन बेटों में से एक को खो दिया है. उन्‍होंने कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह अफगानिस्तान के लोगों के लिए कभी साथ न छोड़ने वाले सहयोगी और दोस्त थे. मैं उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करता हूं और उनके परिवार, भारत के लोगों और सरकार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं. उनकी आत्मा को शांति मिले.

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति ने मनमोहन सिंह को किया याद

वहीं, मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने कहा कि “डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर बहुत दुख हुआ. नाशीद ने कहा कि मुझे हमेशा उनके साथ काम करना अच्छा लगता था और वे एक दयालू पिता के जैसे थे. वे मालदीव के बहुत अच्छे दोस्त थे.

कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री ने डॉ. मनमोहन सिंह को दी श्रद्धांजलि

इसके अलावा, कनाडा के पूर्व पीएम स्टीफन हार्पर ने शोक संवेदना व्‍यक्‍त करते हुए कहा कि मैं अपने पूर्व सहयोगी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनकर दुखी हूं. वे बेहतरीन दिमाग, ईमानदारी और ज्ञान के धनी व्यक्ति थे. लॉरेन और मैं उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं.

रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने भी जताया दुख

भारत में रूस के राजदूत डेनिस अलीपोव ने अपने पोस्ट में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारत और रूस के लिए अत्यंत दुःख और शोक का क्षण है. हमारे द्विपक्षीय संबंधों में उनका अतुलनीय योगदान है. उनका सौम्य व्यवहार हमेशा आर्कषक रहा है. इसके अलावा एक अर्थशास्त्री के तौर पर उनकी विशेषज्ञता और भारत की प्रगति के लिए उनके लगाव पर कोई सवाल नहीं उठा सकता.

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