क्या है Five Eyes? जिसके चलते आग उगल रहे ट्रूडो, और क्यों निज्जर हत्या मामले में सामने आया इसका नाम?

Aarti Kushwaha
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Five Eyes alliance: भारत और कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर से तनाव पैदा हो चुका है. दरअसल, कनाडाई सरकार ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत के उच्चायुक्त के शामिल होने का आरोप लगाया है. हालांकि शुरुआत से ही भारत ने कनाड़ा के इन आरोपों को निराधार बताया है.

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि पिछले साल एक कनाडाई नागरिक की हत्या में भारतीय अधिकारियों की संलिप्तता होने की बात कही है. इसके साथ ही भारत पर लगाएं इन आरोपों से संबंधित सभी जानकारी अपने ‘फाइव आईज‘ (Five Eyes) भागीदारों, विशेष रूप से अमेरिका के साथ शेयर की है. ऐसे में अब सवाल ये है कि आखिर ये फाइव आईज क्‍या है और निज्‍जर हत्‍या मामले से इस पांच देशों के अलायंस वाली संगठन का क्‍या कनेक्‍शन है.

दुनिया का सबसे बेहतरीन खुफिया विभाग

दरअसल, ‘फाइव आईज’ एक खुफिया संगठन है, जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा शामिल है. इस अलायंस को दुनिया का सबसे ताकतवर इंटेलिजेंस नेटवर्क माना जाता है, जिसका उद्देश्‍य आतंकवाद को रोकना और नेशनल सिक्योरिटी के लिए काम करना. ऐसे में ये संगठन इन पांच देशों के साथ अपनी खुफिया जानकारी शेयर करती है.

क्यों आया ‘फाइव आईज’ का नाम

बता दें कि ‘फाइव आईज’ संगठन ने जांच के बाद यह खुलासा किया कि ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून 2023 को एक गुरुद्वारे के बाहर हुई निज्जर की गोली मारकर हत्या मामले में भारतीय खुफिया एजेंसियां शामिल है. वहीं, ट्रूडो ने दावा किया कि कई महिने तक जांच पड़ताल करने के बाद इस संगठन ने यह जानकारी हमारे साथ शेयर की गई है.

कब और क्यों हुआ ‘फाइव आईज’ का जन्म?

इस संगठन की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के समय एलाइड फोर्सेज जर्मनी और जापान के जासूसों से मुकाबला करने के लिए की गई. दरअसल, सबसे पहले साल 1943 में ब्रिटेन और अमेरिका के बीच खुफिया जानकारी शेयर करने का समझौता हुआ था. इसके बाद 1949 में कनाडा और 1956 में न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया भी इस संगठन का हिस्सा बन गए.

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