Floods in central europe: विश्व के कई देशों में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं ने लोगों के जनजीवन को बुरी तरीके से प्रभावित किया है. इस बीच मध्य यूरोप में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. लगातार हो रही बारिश के कारण मध्य यूरोप में बाढ़ आई है, इसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर आठ हो गई है.
दरअसल, चेक गणराज्य में कई दिनों तक मूसलाधार बारिश हुई, जिसके कारण नदियां उफान पर आ गई हैं. बाढ़ के कारण लोगों को उनके घरों से निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है.
बाढ़ की वजह क्या है?
मौसम के जानकारों का मानना है कि बोरिस नामक एक कम दबाव प्रणाली के कारण ऑस्ट्रिया से लेकर रोमानिया तक बारिश हुई. लगातार हुई बारिश ने चेक गणराज्य और पोलैंड को बुरी तरह प्रभावित किया है. लगातार बारिश के कारण चेक गणराज्य और पोलैंड के कई इलाकों में करीब तीन दशकों में सबसे भयंकर बाढ़ देखी गई.
घरों को पहुंचा नुकसान
स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार अभी कुछ दिनों तक यह बारिश का सिलसिला चलने वाला है. इसी के साथ दोनों देशों में तेज हवाएं भी चलने के अनुमान हैं. रोमानिया में रविवार को बारिश कम हो गई, जहां एक दिन पहले बाढ़ का कहर था. वहीं, पिछले सप्ताह के अंत में बाढ़ के कारण हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए, पुल बह गए और कम से कम 25,000 घरों की बिलजी गुल है.
कई लोगों की गई जान
इस प्राकृतिक आपदा में कई लोगों की जान जा चुकी है. रविवार को दक्षिण-पश्चिमी पोलैंड में एक व्यक्ति डूब गया. वहीं, ऑस्ट्रेलिया में बचाव कार्य में लगे एक दमकलकर्मी की मौत हो गई. वहीं, रोमानिया में दो अन्य लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों द्वारा दमकल कर्मी के मौत वाले इलाके को आपदा क्षेत्र घोषित किया गया है. इसी के साथ गैर-जरुरी यात्रा के खिलाफ चेतावनी जारी की गई है.
अगर बात करें चेक गणराज्य की तो यहां के सीमा के पास पोलैंड के ऐतिहासिक शहर ग्लूकोलेजी में एक पुल ढह गया. इस पुल के ढहने से कई लोग इसमें दब गए. सभी को निकालने का काम किया जा रहा है. इस हादसे को लेकर स्थानीय मीडिया ने कहा कि पौलेंड मौसम संस्थान के अनुसार, स्ट्रोनी स्लास्की के पहाड़ी शहर में एक और पुल ढह गया, जहां एक बांध टूट गया
पीएम का दौरा
इस प्राकृितिक आपदा को लेकर पोलैंड के पीएम डोनाल्ड टस्क ने पास के प्रभावित बाढ़ इलाकों का दौरा किया. उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि सरकार आपदा की स्थिति की घोषणा करेगी और यूरोपीय संघ से सहायता मांगेगी.
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