भारत की कनाडा को दो टूक, विदेश मंत्री एस जयशंकर बोले- संबंधों में गिरावट से कनाडा को होगा बड़ा नुकसान

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

S jaiShankar on Canada: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो सरकार पर जमककर निशाना साधा. कनाडा पर एस जयशंकर ने खालिस्तानी समर्थकों को शरण देने का दावा किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच संबंधों में और गिरावट से कनाडा को बड़ा नुकसान होगा.

दरअसल, महाराष्ट्र के नासिक में ‘विश्वबंधु भारत’ नाम के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता हिंसा की वकालत करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी देश में अलगाववाद और आतंकवाद का समर्थन करने की स्वतंत्रता नहीं हो सकती. खालिस्तानियों का एक समूह वर्षों से कनाडा के स्वतंत्रता कानूनों का दुरुपयोग कर रहा है. लेकिन कनाडाई सरकार वोट बैंक के चलते इनके खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही.

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कनाडा को लेकर क्या बोले विदेश मंत्री?

इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि खालिस्तान समर्थक तत्व लगातार भारत विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं. कई मौकों पर कनाडा सरकार से कहा गया है कि कानून के शासन का सम्मान करने वाले लोकतांत्रिक देशों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर कट्टरपंथी तत्वों को छूट नहीं देना चाहिए.

आगे विदेश मंत्री ने कहा कि इन लोगों की गतिविधियों के कारण आज दोनों देशों के संबंध खराब हो गए हैं. वे हमारे राजदूत और कनाडा में तैनात राजनयिकों को भी धमकी दे रहे हैं. भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने वाले लोगों को कनाडा में शरण दी गई है, वहां की सरकार को स्थिति पर फिर से विचार करना चाहिए.

ज्ञात हो कि इसी माह की शुरुआत में कनाडा में भारत के खिलाफ प्रदर्शन हुआ था. कनाडा के माल्टन में आयोजित ‘नगर कीर्तन’ के दौरान खालिस्तान समर्थक तत्वों ने भारत विरोधी नारे लगाए थे. इसी के साथ उन्होंने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्टर भी दिखाया था. इस घटना पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई थी.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा की ट्रूडो सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी सभ्य समाज में हिंसा का महिमामंडन नहीं होना चाहिए. हमने कई बार कनाडा सरकार के समक्ष अपनी चिंता जता दी है. दोनों देशाें के बीच संबंधों में गिरावट से कनाडा को बड़ा नुकसान होगा. कनाडा में शरण पाए अलगाववादी अंतत: कनाडा को भी नुकसान पहुंचाएंगे. इसे वहां की सरकार को समझना होगा.

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