साजिश के तहत मुझे हटाया गया, पूर्व पीएम शेख हसीना का बड़ा आरोप; अमेरिका को लेकर कही यह बात

Abhinav Tripathi
Sub Editor, The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

Sheikh Hasina Statement: बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने एक बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे सत्ता से हटाने के लिए बड़ी साजिश रची गई थी. यह आरोप उन्होंने अमेरिका पर लगाया है. बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने यह आरोप अमेरिका पर लगाया है. शेख हसीना का कहना है कि सेंट मार्टिन द्वीप नहीं देने के कारण ही अमेरिका ने उन्हें सत्ता से हटाने की योजना बनाई थी. शेख हसीना ने बताया कि इस द्वीप के मिलने से अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर प्रभाव जमाने में मदद मिल सकती थी.

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि शेख हसीना ने अपने करीबी सहयोगियों के जरिए भेजे गए संदेश में ये बातें कही है. दरअसल, इकनॉमिक टाइम्स अखबार ने दावा किया है कि शेख हसीना का यह संदेश उसे हासिल हुआ है. बता दें कि शेख हसीना ने छात्रों के उग्र विरोध प्रदर्शन के बाद 5 अगस्त को पीएम पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया था. वर्तमान में शेख हसीना भारत में सुरक्षित स्थान पर रह रही हैं.

शेख हसीना ने संदेश में लिखी यह बात

इकनॉमिक टाइम्स अखबार के अनुसार बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने लिखा कि मैंने इस्तीफा दे दिया, ताकि मुझ लाशों का जुलूस न देखना पड़े. वे छात्रों की लाशों पर सत्ता में आना चाहते थे, लेकिन मैंने ऐसा नहीं होने दिया. मैंने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. मैं सत्ता में बनी रह सकती थी, अगर मैंने सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता को त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर अपना प्रभुत्व कायम करने दिया होता. मैं अपने देश के लोगों से विनती करती हूं, कृपया कट्टरपंथियों के बहकाएं में न आएं.

कुगेलमैन ने शेख हसीना के आरोपों को किया खारिज

गौरतलब है कि विल्सन सेंटर में दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय के सभी आरोपों को खारिज किया है. शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने आरोप लगाया था कि विरोध प्रदर्शन के पीछे विदेशी हस्तक्षेप है.

शेख हसीना के बेटे के इस आरोप को खारिज करते हुए शेख हसीना की कुगेलमैन ने कहा कि बांग्लादेश में अशांति के लिए अंदरूनी कारक ही जिम्मेदार हैं बांग्लादेश में अशांति के लिए अंदरूनी कारक ही जिम्मेदार हैं. हसीना सरकार की प्रदर्शनकारियों पर कठोर कार्रवाई ने आंदोलन को बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्रों पर बहुत सख्ती की और इसके बाद आंदोलन बहुत बड़ा हो गया और यह केवल आंतरिक कारकों से प्रेरित था.

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