France: न्यू कैलेडोनिया में नए विधेयक को लेकर भड़के हिंसा में चार की मौत, इमरजेंसी लागू

Raginee Rai
Reporter The Printlines (Part of Bharat Express News Network)

France: दक्षिण प्रशांत में स्थित एक फ्रांसीसी विदेशी क्षेत्र, न्यू कैलेडोनिया में उस समय घातक हिंसा भड़क गई, जब फ्रांस की राजधानी पेरिस में सांसदों द्वारा एक नए विधेयक को मंजूरी दी गई. नए विधेयक के अनुसार, 10 वर्षों से न्यू कैलेडोनिया में रहने वाले फ्रांसीसी निवासियों को प्रांतीय चुनावों में वोट करने की अनुमति होगी.

इस नए विधेयक से कुछ स्थानीय नेताओं को डर है कि इससे वहां के मूल निवासियों (कनक) का वोट कमजोर हो जाएगा. न्यू कैलेडोनिया में इस विधेयक को लेकर पिछले तीन दिनों से दंगा भड़का हुआ है. इस दंगे में एक पुलिस अधिकारी सहित चार लोगों की मौत हो गई है. इस बीच गुरुवार सुबह शीर्ष फ्रांसीसी अधिकारी ने कहा कि सशस्त्र बलों को न्यू कैलेडोनिया के दो हवाई अड्डों और बंदरगाहों की रक्षा करने के लिए तैनात किया गया है. इस हिंसक प्रदर्शन को देखते हुए फ्रांस ने न्यू कैलेडोनिया में आपातकाल का ऐलान कर दिया है.

फ्रांस में आपातकाल लागू

फ्रांस ने न्यू कैलेडोनिया में इमरजेंसी लागू कर दिया है. स्कूल बंद कर दिए गए हैं और पेरिस में पहले से ही कर्फ्यू लगा है. प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है. साथ ही प्रदर्शनकारियों ने कई दुकानों में लूटपाट भी की है.

चार लोगों की मौत

मौजूदा स्थिति के बारे में बताते हुए नौमिया के निवासी योन फ्लूरोट ने बताया कि उन्होंने लूटपाट होते हुए देखा. कुछ दुकान के मालिक अपनी मर्जी से छापेमारी करने दे रहे हैं और वे दुकान को नुकसान न पहुंचाने का अनुरोध कर रहे हैं. इस दंगे में 24 वर्षीय पुलिसकर्मी सहित तीन युवा कनक की मौत हो गई. क्षेत्र में अगले 12 दिन तक आपातकाल की स्थिति रहेगी. प्रशासन ने टिक-टॉक वीडियो एप पर भी रोक लगा दिया है.

फ्रांस के उच्चायुक्त लुई ले फ्रैंक ने बताया कि तीन नगरपालिकाओं में जेंडरमेस को 5 हजार प्रदर्शनकारियों का सामना करना पड़ा, जिसमें से तीन से चार हजार राजधानी नौमिया से शामिल थे. उन्होंने आगे बताया कि दो सौ लोगों को अरेस्‍ट किया गया. हिंसा में 64 जेंडरमेस और कई पुलिसकर्मी जख्‍मी हुए है.

कनक-यूरोपीय लोगों के बीच लंबे समय से तनाव

बता दें कि फ्रांस ने 1853 में खनिज समृद्ध न्यू कैलेडोनिया को अपने कब्जे में कर लिया था.  वहां के निवासियों को 1957 में फ्रांस की नागरिकता प्रदान की गई थी. मीडिया के अनुसार, यहां के कनक (मूल निवासी) और यूरोपीय लोगों के बीच लंबे समय से ही तनाव है.

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