India and Switzerland relation: भारत और स्विट्जरलैंड के बीच रिश्तों की बुनियाद और मजबूत होने जा रही है. हाल के दिनों में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने स्विट्जरलैंड की यात्रा की थी और स्विट्जरलैंड के अपने समकक्ष इग्नाजियो डेनियल जियोवानी कैसिस के साथ बैठक की थी. इस बैठक के दौरान देनों देशों के बीच दोस्ती को नया आयाम देने के लिए द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक रूप से चर्चा की.
दरअसल, इस दौरान भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के बीच हुए समझौतों का लाभ उठाने पर भी चर्चा की गई. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में शनिवार को जानकारी दी. वर्तमान में 4 देशों के संघ में स्विट्जरलैंड भी शामिल है.
विदेश मंत्री की स्विट्जरलैंड यात्रा
बता देंं कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर दो दिनों की स्विटरजरलैंड की यात्रा पर गए थे. इस यात्रा का समापान शुक्रवार को हुआ था. एस जयशंकर की इस यात्रा को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया और कहा कि एक विशेष शिष्टाचार के तहत कैसिस ने जिनेवा में जयशंकर की मेजबानी की. आगे इस बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर व्यापक चर्चा की, जिसमें व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए भारत और ईएफटीए के सदस्य देशों (स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन) के बीच मुक्त व्यापार समझौते का लाभ उठाने पर विशेष ध्यान दिया गया.
आपको जानना चाहिए कि भारत ने मार्च के माह में यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ के साथ एक ‘व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौते’ (टीईपीए) पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के तहत भारत को इन चार यूरोपीय देशों से 100 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश प्राप्त होगा.
बैठक में किन मुद्दों पर हुई बात?
दोनों देशों के बीच हुई इस बैठक में जयशंकर और कैसिस ने परस्पर हितों के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की. इस यात्रा के दौरान एस जय शंकर ने जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय संगठनों के शीर्ष नेतृत्व से भी मुलाकात की. जिसमें संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त वोल्कर तुर्क और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक डॉ टेड्रोस एडनोम घेब्रेयेसस शामिल हैं.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार इस बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बहुपक्षवाद के प्रति भारत के दृष्टिकोण, मानवाधिकारों को बेहतर करने को लेकर इसके दृष्टिकोण, वर्तमान वैश्विक मानवाधिकार स्थिति और मानवाधिकार परिवेश के लिए विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के तरीकों को साझा किया. वहीं, सार्वजनिक स्वास्थ्य में सहयोग को और बढ़ाने तथा वैश्विक स्तर पर पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के तरीकों पर भी चर्चा की.
इस बयान में यह भी कहा गया कि विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा जिनेवा में भारत द्वारा नवनिर्मित अत्याधुनिक स्थायी मिशन का भी उद्घाटन किया, जिसमें संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों, निरस्त्रीकरण सम्मेलन, विश्व व्यापार संगठन और भारत के महावाणिज्य दूतावास से जुड़े भारत के मिशन स्थित हैं.
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